बाराबंकी- उन्नाव केस से प्रदेश में मचे घमासान के बाद बाराबंकी में उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा लड़कियों के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा था | पुलिस लड़कियों को छेड़छाड़ की शिकायत के लिए हेल्पलाइन नंबर देने के साथ (महिला सुरक्षा पर भाषण) सुरक्षा के टिप्स भी दे रही थी |
इसी समय बाराबंकी के आनंद भवन स्कूल की ग्यारहवीं क्लास की छात्रा मुनीबा किदवई ने पुलिस से एक ऐसा सवाल पूछा जिसने पुलिस की बोलती बंद कर दी| 11वीं की छात्रा ने पुलिस से पूछा कि उन्नाव की एक लड़की ने शिकायत की तो उसके पूरे परिवार को ट्रक से उड़ा दिया गया| ऐसे में अगर छेड़खानी करने वाला कोई ताकतवर आदमी को तो शिकायत कैसे करें?
छात्रा ने आगे कहा सर जैसा कि आपने कहा कि हमें डरना नहीं चाहिए और आवाज उठानी चाहिए विरोध करना चाहिए ?
इसके बाद छात्रा ने उन्नाव रेप एक्सीडेंट केस पर सवाल उठाते हुए पूछा सर मेरा सवाल था कि थोड़े दिन पहले बीजेपी नेता ने एक लड़की का रेप किया और फिर उसके पिता की एक्सीडेंटली मौत हो गई, यह सबको पता है कि उसके पिता की जो मौत हुई वह एक्सीडेंट नहीं था | इसके बाद पीड़िता लड़की की गाड़ी को ट्रक से टक्कर मार दिया गया | ट्रक की नंबर प्लेट को काले रंग से छुपाया गया था | छात्रा ने आगे कहा कि सामने वाला अगर साधारण व्यक्ति हो तो विरोध किया जा सकता है लेकिन अगर वह एक नेता है या पावरफुल व्यक्ति हो तब क्या करना चाहिए ?
छात्रा ने कहा कि जैसा हम ने निर्भया के मामले में देखा हम विरोध जताते हैं तो क्या गारंटी कि हमें इंसाफ मिलेगा ? क्या गारंटी है कि मैं सेफ रहूंगी ? उसके बाद छात्रा ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा हमें पता है कि इस विरोध पर किसी तरह का एक्शन नहीं लिया जाएगा और एक्शन लिया भी गया तो किसी काम का नहीं होगा | जैसा कि अभी वह लड़की अस्पताल में बहुत ही गंभीर हालत में है
छात्रा ने कहा हमें प्रोटेस्ट करना चाहिए लेकिन क्या गारंटी है कि प्रोटेस्ट करने पर हमें इंसाफ मिलेगा ?
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