Ticker

12/recent/ticker-posts

रेत को लेकर अफसरों में जूतम पैजार,कलेक्टर ने एसडीएम को तीन घंटे तक बंधक बनाया, एसडीएम ने प्रमुख सचिव से की शिकायत

भोपाल। रेत के अवैध कारोबार के मामले में प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने भाजपा को बहुत पीछे छोड़ दिया है। अब तो इस अवैध धंधे को लेकर अधिकारियों में ही जूतम पैजार शुरू हो गई है। आरोप है कि होशंगाबाद कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ने अवैध रेत भण्डारण के खिलाफ कार्रवाई करने मौके पर गए एसडीएम रविश श्रीवास्तव को रात 12 बजे अपने बंगले पर बुलाया और तीन घंटे तक बंधक बनाकर रखा। श्रीवास्तव ने इसकी शिकायत मुख्य सचिव और प्रमुख सचिव को भेज दी है।तरह सड़क पर आई है। एक खबर यह भी आ रही है कि अवैध रेत डंपरों को लेकर होशंगाबाद और सीहोर कलेक्टर भी आमने-सामने आ गए हैं।
मप्र में पहला मामला है जब अवैध रेत व्यापार को लेकर दो अधिकारियों की लड़ाई इस
होशंगाबाद में शीलेंद्र सिंह को जब से कलेक्टर बनाया गया है। उनका पूरा फोकस रेत खनन और परिवहन पर है। ऐसे समय में जबकि ग्रीन ट्रिब्यूनल के फैसले के बाद राज्य सरकार ने रेत भण्डारण को लेकर स्पष्ट आदेश जारी किए हैं कि सब रेत भण्डारणों से परिवहन रोका जाए, सभी भण्डारण की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी कराई जाए। इस आदेश के बाद भी कलेक्टर होशंगाबाद ने नियम विरूध तरीके से होशंगाबाद के 8 रेत भण्डारण करने वालों को रेत परिवहन की अनुमति जारी कर दी। मजेदार बात यह है कि इनमें भाजपा के दिग्गिज नेता डॉ. सीतासरण शर्मा के भतीजे सहित भाजपा समर्थित लोगों के भण्डारण अधिक हैं।
कलेक्टर-एसडीएम के झगड़े की शुरुआत
गुरुवार देर रात होशंगाबाद एसडीएम रविश श्रीवास्तव को खबर लगी कि कुलामर्णी के रेत भण्डारण पर 50 से ज्यादा डंपर रेत परिवहन के लिए पहुंचे हैं। खबर लगते ही वे वहां पहुंचे तो रात 12 बजे कलेक्टर ने उन्हें अपने निवास पर बुला लिया। एसडीएम का आरोप है कि वे इस परिवहन को न रोक सके इसलिए उन्हें कलेेक्टर बंगले में बंधक बना लिया गया। उनकी कार की चाबी छीन ली गई और उन्हें मोबाइल का उपयोग नहीं करने दिया और बंगले के बाहर निकलने पर रोक लगा दी। सुबह 3 बजे वे बमुश्किल कलेक्टर बंगले से बाहर आए हैं। इस संबंध में एसडीएम श्रीवास्तव ने मुख्य सचिव, अतिरक्ति मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग और प्रमुख सचिव, खनिज विभाग को पत्र लिखकर पूरी घटना की जानकारी दी है।
कलेक्टर का तर्क
इस मामले में कलेक्टर शीलेंद्र सिंह ढंग से जवाब नहीं दे पा रहे। उनका सिर्फ यह कहना है कि क्या कोई कलेक्टर रात 12 बजे एसडीएम को अपने घर नहीं बुला सकता।  कलेक्टर ने शुक्रवार सुबह ही आदेश जारी कर श्रीवास्तव को होशंगाबाद एसडीएम के पद से हटा दिया है।
पूर्व स्पीकर की भूमिका
बताया जाता है कि कलेक्टर होशंगाबाद पूर्व स्पीकर डॉ. सीतासरण शर्मा के प्रभाव में काम कर रहे हैं। सीतासरण के भतीजे वैभव शर्मा को अनुमति देेने कलेक्टर ने नियमों की धज्जियां उड़ा दी हैं।
होशंगाबाद-सीहोर कलेक्टर में टकराव
होशंगाबाद में अवैध रेत परिवहन की अनुमति दिए जाने के बाद होशंगाबाद और सीहोर कलेक्टर में भी टकराव की नौबत आ गई है। होशंगाबाद से रेत लेकर सीहोर की सीमा में घुसने वाले डंपरों को सीहोर कलेक्टर ने जब्त करना शुरू कर दिया है। सीहोर कलेक्टर का कहना है कि जब राज्य शासन ने परिवहन पर रोक लगाई है तो वह अपने जिले में रेत का परिवहन नहीं होने देेंगे। जबकि डंपर चालक होशंगाबाद कलेक्टर की अनुमति और पर्चियां दिखा रहे हैं।
कलेक्टर की विदाई तय
यह भी खबर है कि होशंगाबाद के प्रभारी मंत्री पीसी शर्मा ने कलेक्टर शीलेंद्र सिंह की कार्यशैली की जानकारी मुख्यमंत्री को पहले ही दे दी थी। इस मामले में चर्चा है कि बहुत जल्द ही कलेक्टर शीलेंद्र सिंह की होशंगाबाद से विदाई हो जाएगी।