गुरुवार के व्रत करने से संपूर्ण इच्छाएं पूरी होती हैं
बृहस्पति देव (भगवान विष्णु) का व्रत उपवास किसी भी माह के शुल्क पक्ष में अनुराधा नक्षत्र और गुरुवार के युग के दिन इस व्रत को शुरू करना शास्त्रों के अनुसार उत्तम माना जाता है। वही नक्षत्र शास्त्रों के अनुसार गुरुवार का नियमित पूजा-पाठ या व्रत करने से बृहस्पति ग्रह से उत्पन्न होने वाले सभी अनिष्ट प्रभाव नष्ट हो जाते हैं
गुरुवार के दिन भगवान बृहस्पति देव का व्रत करने से गुरु भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं, धनं विद्या पुत्र तथा मनोकामना पूर्णकर परिवार में सुख और समृद्धि लाते हैं धर्म शास्त्र और इतिहास के अनुसार इस व्रत को करने से सर्वश्रेष्ठ फल की प्राप्ति के साथ मानसिक शांति प्राप्त होती है।
बृहस्पतिवार व्रत कथा की पूजन विधि
धर्म शास्त्र और पुराणों के अनुसार बृहस्पतिवार के व्रत में केले का पूजन कर कथा और पूजन के समय तन मन धन और वचन से शुद्ध होकर मनोकामना पूर्ति के लिए भगवान बृहस्पति विष्णु से प्रार्थना करनी चाहिए। इस व्रत में एक समय भोजन किया जा सकता है जो कि चने की दाल और पीले वस्तुओं का होना चाहिए लेकिन इस व्रत में नमक का सेवन कदापि नहीं करना चाहिए।
व्रत करने वाले व्यक्ति को पीले वस्त्र पहन पीले फूलों का प्रयोग करना चाहिए साथ में अगर हो सके तो पीले चंदन से भगवान भगवान की पूजा करनी चाहिए उसके भगवान बृहस्पति विष्णु भगवान की कहानी सुननी चाहिऐ।
व्रत करने वाले व्यक्ति को पीले वस्त्र पहन पीले फूलों का प्रयोग करना चाहिए साथ में अगर हो सके तो पीले चंदन से भगवान भगवान की पूजा करनी चाहिए उसके भगवान बृहस्पति विष्णु भगवान की कहानी सुननी चाहिऐ।