Ticker

12/recent/ticker-posts

सूचना के अधिकार के अंतर्गत आएगा, सीजीआई का कार्यालय (सुप्रीम कोर्ट)

 सुप्रीम कोर्ट के नए आदेश के अनुसार अब देश के मुख्य न्यायाधीश सीजीआई (चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया) का कार्यालय भी सूचना के अधिकार कानून आरटीआई 2005 के अंतर्गत आएगा
बता दे कि सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यों की संवैधानिक पीठ ने दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा दिए गए 2010 के निर्णय को सही बताते हुए सेक्रेटरी जनरल ऑफिस व केंद्रीय जन सूचना अधिकारी की अपील को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया है, इस फैसले में सुप्रीम कोर्ट   कि संवैधानिक पीठ ने दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए सर्वोच्च अदालत ने कहा "पारदर्शिता न्यायिक स्वतंत्रता को कमजोर नहीं करती है" इस संवैधानिक पीठ में एनवी रमना, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, खन्ना व जस्टिस दीपक गुप्ता शामिल है,

4 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखा था फैसला

बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के सेक्रेटरी जनरल और जन सूचना अधिकारियों ने 2010 में एक याचिका दाखिल की इस मामले की सुनवाई करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने 4 अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित करके रख लिया था।
सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ के पांचो जजों ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज संविधान और कानून से ऊपर नहीं है इसलिए उन्हें कानून का पालन करना चाहिए और आरटीआई के द्वारा मांगी गई जानकारी उपलब्ध करानी चाहिए,
जस्टिस खन्ना ने कहा कि न्यायिक स्वतंत्रता और प्रदर्शिता को साथ साथ चलना है
 सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीबीआई एक संस्था है जो पब्लिक अथॉरिटी के अंतर्गत आती है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सूचना देने से न्यायपालिका की क्षमता प्रभावित नहीं होती है, लेकिन कुछ सूचनाओं की निजता और गोपनीयता का ध्यान रखा जाना चाहिए।