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राजधानी- किराया बना नगर निगम के गले की फांस, संपत्तियों का बकाया किराया वसूल नहीं पा रहा है नगर निगम,

लखनऊ नगर निगम ने तीन साल (२०१७) के बाद क्षेत्रफल के हिसाब से दुकान के किराए में किराया ही नहीं जमा किया है इजाफा किया था लेकिन तब से ना किरायेदार, बढ़ा हुआ किराया दे रहे हैं और ना ही नगर निगम पुराना किराया वसूल पा रही है। 
नगर निगम के पास  मौजूद संपत्ति ही उसके गले की  फास बनती जा रही है न समय पर किराया मिल पा रहा है न संपत्ति को बेचने की इजाजत, अगर बकायेदारों की बात करें तो चारबाग में सबसे ज्यादा 200 दुकानदारों में से केवल चार ने ही दुकान का किराया जमा किया है वहीं बादशाह नगर में भी कशमकश यही हाल है। कैसरबाग में आधे से ज्यादा दुकानदारों का किराया बकाया, मोहन मार्केट 200 में से केवल 55 में जमा किया। न्यू तुलसीदास मार्ग 102 से केवल चार ने किराए का भुगतान किया, वहीं नगर निगम द्वारा बकाया दुकानदारों को नोटिस जारी कर बकाया भुगतान करने के लिए कहा गया है लेकिन बकायादार दुकानदारों ने नोटिस लेने से ही मना कर दिया है वही नगर निगम के अधिकारियों ने बताया है कि इस स्थिति से उच्च अधिकारियों को अवगत कराया गया है।
 सूत्रों के मुताबिक लखनऊ नगर निगम में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है जो कि जांच का विषय है जिससे जल्द ही पर्दा उठने वाला है।