मध्य प्रदेश में सियासी उठापटक जारी है राजनीति के मंझे हुए खिलाड़ी भी गच्चा खाते हुए नजर आ रहे हैं कि सियासत का उठाकर बैठेगा तो किस करवट, एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह बागी विधायकों को मनाने कर्नाटक जाते हैं पुलिस बागी विधायकों से मिलने नहीं देती और उन्हें गिरफ्तार कर लेती है दूसरी तरफ राजधानी भोपाल में कांग्रेसी लोकतंत्र की हत्या के नारे लगाते हुए सड़क पर आ जाते हैं। दोनों पक्ष अपना अपना पक्ष रखते हैं दोनों राजनीति के मांझे हुऐ खिलाड़ी हैं।(क्रेडिट सीएम कमलनाथ का टि्वटर अकाउंट)
राजनीति की शतरंज पर दोनों एक के बाद एक चाल चलते जा रहे हैं जानकार बताते हैं अगर दिग्विजय विधायकों से मिल जाए हो सकता है पासा पलट जाए और कांग्रेसी खेमे की सरकार सुरक्षित रह जाए फिरहाल सीएम कमलनाथ सरकार पूर्ण बहुमत का दावा कर रही है। सीएम कमलनाथ को भरोसा है विधायकों से मिलने के बाद शायद बात बन ही जाए, लेकिन हो उनके सोच से विपरीत ही रहा है।
भोपाल से पुख्ता खबर है कि सरकार हर कीमत पर बागी विधायकों को अपने पालने में लाना चाहती है इसीलिए तो पल-पल इस्तीफा का दौर जारी है, सूत्र बताते हैं मौजूदा सरकार सरकार बचाने के लिए सभी बागी विधायकों को मंत्री पद तक देने को राजी है अब बात हो तब काम बने।
(9 विधायकों को राज्य मंत्री बनाए जाने का पत्र)
(दोनों पक्ष अपने-अपने पुख्ता दावे कर रहे हैं लेकिन यह तो समय बताएगा किस के दावे में आखिर कितनी दम है और किस के दावे की निकलती है हवा)