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दिल्ली- सभी मंत्री सांसदों की, 30% सैलेरी कम करने के अध्यादेश को मंजूरी, राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति राज्यपाल ने स्वेच्छा से दी मंजूरी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में सांसद मंत्रीयों के वेतन में 1 साल तक के लिए 30% की कटौती के अध्यादेश को मंजूरी दी गई है।   वही देश के संविधान पद पर बैठे राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति व सभी राज्य के राज्यपाल ने इस फैसले का स्वागत करते हुए स्वेच्छा से अपने वेतन में 30% कटौती को मंजूरी प्रदान की है।

दिल्ली- देश में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर 21 दिन के लॉक डाउन का आज 13 दिन है वही आज भारतीय कैबिनेट में एक अहम अध्यादेश को मंजूरी दी गई जिसमें प्रधानमंत्री ने सभी कैबिनेट मंत्रियों और सांसदों की सैलरी में 1 साल तक 30% कटौती के अध्यादेश को मंजूरी  दी, वहीं  संवैधानिक पद पर बैठे राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति व सभी राज्य के राज्यपालों ने अपने वेतन में 30% कटौती को स्वेच्छा पूर्वक मंजूरी प्रदान करते हुए देश हित में एक अहम कदम उठाया है।
कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेडकर ने बताया कि केंद्र सरकार ने अध्यादेश जारी किया है उन्होंने बताया कि  सांसद अधिनियम 1954 के अनुसार सदस्यों के वेतन भत्ते और पेंशन के संशोधन के अध्यादेश को मंजूरी दी है यानी कि अब 1 अप्रैल 2020 से 1 साल के लिए  सांसद मंत्री के भत्तों और पेंशन में 30% की कटौती की जाएगी उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति व सभी राज्यों के राज्यपालों ने सामाजिक जिम्मेदारी के रूप में अपने वेतन में 30% कटौती का फैसला किया है इस राशि को कोरोना वायरस से प्रभावित लोगों के इलाज के प्रबंध के लिए  प्रयोग किया जाएगा, इस दौरान एमपीएलएडी खंड को अस्थाई तौर पर निलंबित कर दिया गया है। 
कोरोना वायरस कि जंग में देश के संवैधानिक पदों पर बैठे (व्यक्तियों) राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति व सभी राज्यों के राज्यपालों ने स्वेच्छा से ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अपने वेतन में 30% की कटौती का फैसला किया है यह स्वागत योग्य भारतीय इतिहास का अहम कदम है बता दे कोरोना वायरस से निपटने के लिए खर्च कियी जाएगी वहीं भारत सरकार ने सांसदों के वेतन जिसमें मंत्री भी शामिल है कि 30% की कटौती के  अध्यादेश को मंजूरी दी है।