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वाराणसी- लोहता में भुखमरी के शिकार मजदूरों को मदत का इंतजार, अब तक नहीं पहुंची ठोस प्रशासनिक मदद

लोहता : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के चलते 21 दिनों का लॉक डाउन होने से गरीब दिहाड़ी मजदूरो के पास से रुपये पैसे समेत घर मे रखे खाद्य सामग्री खत्म हो गए है। ऐसे में कई सामाजिक संस्था के लोगो ने धीरे धीरे गरीबो मजदूरो के तरफ से ध्यान हटाना सुरु कर दिया है। दिहाड़ी मजदूर राज्य सरकार द्वारा 10 की चावल , 10 किलो आटा , 5 किलो अरहर दाल तेल ,नमक , मसाला , साबुन बिस्किट आदि खाद्य सामग्री का इंतजार कर रहे है।तहसील राजातालाब के कोरौता , गोपालपुर , गोशान बस्ती गांव में करीब 20 से 25 गरीब दिहाड़ी मजदूरो को राज्य सरकार द्वारा मोदी किट मिलने वाले 30 किलो का खाद्य सामग्री नही मिला है। राज्य सरकार की तरफ से मिलने वाले खाद्य सामग्री को लेकर गरीब अशहाय दिहाड़ी मजदूरो ने कोरौता गांव के प्रधान से मिलकर कमिश्नर , जिलाधिकारी , उपजिलाधिकारी राजातालाब से गुहार लगाई है । वही दिहाड़ी मजदूरो का कहना है कि पास पड़ोस से लोग मदत मांग कर एक समय का नमक रोटी ही खाकर पेट पाल रहे है । कोरौता बाजार में रेखा सोनी नाम की महिला ने बताया कि मेरे पति बॉम्बे मजदूरी करते है लॉक डाउन होने से वो घर नही आ पाए हैं और मेरे आगे पीछे कोई देखने वाला नही है पड़ोसियों की मदत से हम लोग जी खा रहे है वही दूसरी ओर सीला गुप्ता महिला के पति बाहर रहते है इनके भी घर में खाद्य सामग्री खत्म हो चुकी है। ऐसे तमाम मजदूर है जो भुखमरी का शिकार हो सरकारी मदत की बाट जो रहे है। दिहाड़ी मजदूरो ने कहा अगर सरकार द्वारा खाद्य सामग्री मिल जाता तो गरीबो की कुछ परेशानिया दूर हो सकती है।समय रहते यदि उन्हें मदत पहुँच जाती है तो ठीक है नही तो कोरोना से पहले भूख मार डालेगी।

अपडेट- पूरे मामले पर वाराणसी पुलिस ने बताया कि इस मामले में प्रभारी निरीक्षक लोहता को मदद व कार्रवाई हेतु निर्देशित किया गया है।
राजेश गुप्ता की रिपोर्ट