Ticker

12/recent/ticker-posts

नई शिक्षा नीति 2020- 10वीं 12वीं की व्यवस्था खत्म, 5+3+3+4 की नई व्यवस्था लागू, इंग्लिश मीडियम में बदलाव, एमफिल बंद

देश में 34 साल बाद मोदी कैबिनेट ने नई शिक्षा नीति लागू करते हुए कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं और नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावेडकर ने महत्वपूर्ण बताते हुए बदलाव को मंजूरी दी है उन्होंने बताया कि पिछले 34 साल में शिक्षा नीति में कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ था इसलिए यह बदलाव बेहद जरूरी है। 
वही मानव संसाधन विकास मंत्रालय का नाम बदलकर शिक्षा मंत्रालय कर दिया गया इसी के साथ नई शिक्षा नीति 10 प्लस 2 के फॉर्मेट को पूरी तरह खत्म करते हुए, नए फॉर्मेट 5 + 3 + 3 + 4 के फॉर्मेट में ढाल कर नई शिक्षा नीति को लागू किया गया है। यानी कि अब स्कूल के बच्चे बच्चों को प्री नर्सरी से लेकर कक्षा 5 तक पहला फॉर्मेट दूसरे फॉर्मेट में तीन क्लास यानी कि आठवीं तक उसके बाद फिर तीन क्लास यानी कि 11वीं क्लास तक के बाद सीधे डिग्री यानी कि 4 क्लास की पढ़ाई होगी।
 वहीं विद्यार्थियों को नई शिक्षा नीति में विशेष छूट दी गई है 6 से लेकर 11 तक में छात्र स्कूलों में कला वाणिज्य विज्ञान स्ट्रीम के बजाय अब जो पाठ्यक्रम चाहे वह अपनी सहूलियत के हिसाब से ले सकेगें। नई शिक्षा नीति में प्रत्येक छात्र की क्षमताओं को बढ़ाने पर ध्यान देते हुए वैचारिक सोच समझ को रचनात्मक बनाकर उनकी सोच को महत्वपूर्ण बनाने पर विशेष जोर दिया जाएगा यानी की नई शिक्षा नीति में छात्रों के लिए कला और विज्ञान वर्ग के बीच कोई खाही या कठिनाई व अलगाव की कोई बात नहीं होगी। हर छात्र को नैतिकता संवैधानिक मूल्य पाठ्यक्रम के अनुसार प्रमुख रूप से हिस्सेदारी के तौर पर पढ़ाया जाएगा। वही संस्थानों के पाठ्यक्रम में संस्थानों से लेकर ओपन लर्निंग ऑनलाइन कार्यक्रम चलाने के विकल्प के साथ उनके विकास पर प्रमुख रूप से ध्यान देते हुए नई शिक्षा नीति में कई बदलाव किए गए हैं जिनका उद्देश्य मानव के बौद्धिक सामाजिक भावनात्मक व नैतिक विकास के साथ शारीरिक विकास को महत्व देते हुए संगीत दर्शन कला नृत्य रंगमंच के विषय को शामिल किया गया है। स्नातक की डिग्री 4 साल की होगी। 
 केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावेडकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रिमंडल की बैठक करते 21वीं सदी की नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई है यह महत्वपूर्ण है क्योंकि 34 सालों में शिक्षा के क्षेत्र में कोई (बड़ा) परिवर्तन नहीं हुआ है मुझे उम्मीद है देशवाली इस नीति का स्वागत करेंगे।
वही अमित खरे ने कहा कि 4 वर्ष की डिग्री प्रोग्राम के बाद फिर m.a. और उसके बाद एमफिल करने की कोई जरूरत नहीं अब सीधे पीएचडी कर सकते हैं। 
वहीं उच्च शिक्षा विभाग में लक्ष्य निर्धारित करते हुए जीडीपी का 6% लगाया जाएगा जो कि अभी  4.44% है। 
डीम्ड यूनिवर्सिटी, सेंट्रल यूनिवर्सिटी, इंस्टीट्यूट के अलग-अलग नियम थे लेकिन अब नई शिक्षा नीति के तहत सभी के लिए एक ही नियम यानी कि एक सामान नियम होंगे।