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लखनऊ रिश्वत लेकर भी पुलिस ने नहीं किया काम, सिपाही से भीडी महिला‌ 40000 रिश्वत की बात की स्वीकार, पुलिस कमिश्नर ने दिए एसीपी गोसाईगंज को जांच के आदेश...

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी अंसल थाना क्षेत्र में एक महिला और पुलिस के बीच घूसखोरी के झगड़े का वीडियो आया सामने एक महिला अनीता रावत ने सुशांत गोल्फ सिटी अंसल में तैनात सिपाही अवधेश त्रिपाठी पर आरोप लेते हुए  ₹40000 की रिश्वत लेकर काम न करने का गंभीर आरोप लगाते हुए सरे राह भीड गई है।️
महिला के आरोप के मुताबिक सिपाही बार-बार महिला से घूस मांग रहा था जिसके बाद महिला और सिपाही में झगड़ा हो गया। बता दें कि महिला के भतीजे पर नाबालिग बच्ची से अश्लील हरकत करने का आरोप लगा भतीजे की गिरफ्तारी सुशांत गोल्फ सिटी अंसल पुलिस ने की थी। पूरा मामला गिरफ्तारी के बाद जेल से भतीजे को छुड़वाने से जुड़ा हुआ है महिला ने भतीजे को छुड़वाने के लिए सिपाही को ₹40000 रिश्वत दी थी।
 

मौजूद वीडियो में इस बात को महिला डंके की चोट पर कह रही है आप जवाब में सिपाही के उत्तर को सुन सकते हैं हमने इतनी दौड़-भाग की है (पैसे देकर) कोई एहसान थोड़ी नहीं किया है जो आप ने रिश्वत हमें दी है वह (40000) हम ने दरोगा को दी है

 

 महिला के आरोपों के मुताबिक सिपाही लगातार महिला से और पैसे की डिमांड कर रहा था दोनों के बीच इसी बात को लेकर झगड़ा हो गयाा। जिसके बाद देखतेे ही सिपाही अवधेश त्रिपाठी के साथ महिला  अनीता रावत के झगड़े का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पूरे मामले की वीडियो को देख-सुनकर आप पूरी घटना को बखूबी समझ सकते हैं वायरल वीडियो में सिपाही कबूल करता हुआ नजर आ रहा है कि ₹40000 उसने रिश्वत के तौर पर महिलााा से लेकर ..इंस्पेक्टर .....दरोगा को दिए हैं। सबसे बड़ा सवाल यही है इस रिश्वत का पैसा किन-किन में और क्यों बटा ?


पूरे मामले की घटना से अवगत कराने पर पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने दिए जांच के आदेश


वायरल वीडियो सोशल मीडिया से प्राप्त होने के बाद बतौर पत्रकार हमने वीडियो और घटना से लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट डीके ठाकुर को अवगत कराया उन्होंने पूरे मामले में जांच के आदेश देते हुए पूरे मामले की जांच एसीपी गोसाईगंज को सौंपी है। जिसमें स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि पूरे मामले की जांच में रिश्वत की रकम उसके बंटवारे में शामिल अधिकारियों की भूमिका की जांच करते हुए पुलिस कमिश्नर को 10 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपी जाए।

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