पत्रकारिता को लोकतंत्र का चौथा खंभा कहा जाता है पत्रकार का काम अपनी बात को समाज के शोषित पिछड़े लोगों समेत देश के लोगों तक पहुंचाना होता है लेकिन आज पत्रकारिता में पत्रकारों से ज्यादा बहरूपिया दलाल मीडिया में प्रवेश कर गए है जो पत्रकारिता को बदनाम कर कमाई में लगे हुए हैं आज के समय में पत्रकारिता बेशक आसान हुई है लेकिन पत्रकारिता के नाम पर कुछ वेब मीडिया संगठन बखूबी काम भी रहे हैं लेकिन वहीं बहुत से फर्जी पत्रकार बहरूपिया अराजक तत्व फर्जी तरीके पत्रकारिता और खबरों से खिलवाड़ करके पत्रकारिता को बदनाम करने का कार्य कर रहे हैं यहां पत्रकारिता की आड़ में ठेकेदारी नेताओं के लिए विभागीय कर्मचारी पुलिस विभाग और में भ्रष्टाचार और भ्रष्टाचारियों से सांठगांठ कर ब्लैक मेलिंग करने में लगे हुए हैं उनका पत्रकारिता से दूर दूर तक कोई वास्ता नहीं है इन्हीं लोगों के कारण आज पत्रकारिता गर्त में चली जा रही है उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश बिहार में ऐसे पत्रकारों की बाढ़ सी आ गई है भ्रष्टाचार के कारण यहां पर इनका फर्जी तरीके से वसूली का धंधा फल-फूल रहा है और बदनाम हो रहे हैं इस पेशे से जुड़े ईमानदार पत्रकार अभी समय है की पत्रकारिता की गिरती हुई साख को बचाने के लिए आगे आएं और इस पत्रकारिता को बदनाम होने से बचा कर फिर से लोकतंत्र के तीनों खंभों को जज करने की शक्ति लाकर लोकतंत्र को बनाने और निष्पक्षता लाने में सहयोग करें फर्जी और पत्रकारिता की आड़ में नंबर दो के धंधे करने वालों की पहचान की जाए जिनका पत्रकारिता से कोई वास्ता नहीं है अता आम जनता और पत्रकारों का कर्तव्य बनता है कि वो ख़ुद इस गंदगी को साफ करके इसमें स्वच्छता और निष्पक्षता कि फिर वही बाहर लाए
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