कहते हैं दिव्यांग कोई शरीर से हो सकता है मन से नहीं लोकतंत्र महोत्सव में रीवा के मऊगंज लोकसभा सीट पर अत्यंत भावुक पल उस समय आया जब जन्म से (विकलांग).दिव्यांग प्रीति सिंधिया 26 वर्ष लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए भरी दुपहरी में पिता की गोद में 154 आदर्श स्कूल मऊगंज में मतदान किया आपको बता दें वह जन्म से दिव्यांग है वह अपने पिता की गोदी में बैठकर मतदान करने आई थी उसको देखकर मत दाताओं में उत्साह और चर्चा का माहौल तक बन गया सभी उसकी स्थिति के बाद भी लोकतंत्र के पर्व में शामिल होने पर नतमस्तक थे पिता ने लोगों को बताने की कोशिश की एक-एक मत बहुमूल्य है अपने मत की कीमत समझे' कहते भी हैं लोकतंत्र में एक एक मत अमूल्य होता है आपको बता दे वह बचपन से दिव्यांगता का दंश झेल रही है और एक तरफ हम आप जैसे लोग स्वस्थ होने के बावजूद मतदान डालने में कोताही करते हैं
हमें घर से निकल कर लोकतंत्र के महापर्व में हिस्सा लेकर एक सशक्त लोकतंत्र की नीव रखने में अपना योगदान देना चाहिए और मत दान अवश्य करना चाहिये
" सशक्त लोकतंत्र देश की शान "
. मतदान अवश्य करें
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