लोकसभा में शुक्रवार को नए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने नया ट्रिपल तालाब बिल पेश कर दिया है| जिसका कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों ने नाराजगी जताते हुए विरोध किया | और तमाम हो-हल्ला और विरोध के बीच ट्रिपल तलाक बिल पर वोटिंग हुई जिसके समर्थन में 186 और विरोध में 74 वोट पड़े, मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला बिल है, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सदन में (मुस्लिम महिला, विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 पेश करते हुए कहा की यह विघेयक पिछली लोकसभा में पारित हो चुका है, लेकिन सोलहवीं लोक सभा का कार्यकाल समाप्त होने के कारण और राज्यसभा में लंबित रहने के कारण निष्प्रभावी (प्रभावहीन) हो गया है, इसलिए सरकार इसे दोबारा सदन में लेकर आई है| वही तीन तलाक बिल पेश किए जाने का विरोध करते हुए कांग्रेश सांसद शशि थरूर ने कहा है कि- हम तीन तलाक के खिलाफ है लेकिन इस विधेयक की विषय वस्तु से इत्तेफाक नहीं रखते उन्होंने आगे कहा कि यह विधेयक किसी एक समुदाय तक सीमित नहीं रहना चाहिए|
वहीं रविशंकर प्रसाद ने संसद भवन के बाहर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए-कहा कि कांग्रेस पार्टी को जवाब देना चाहिए कि उसने ट्रिपल तलाक बिल का विरोध क्यों किया| कानून मंत्री ने आगे कहा यह सवाल किसी धर्म का नहीं बल्कि नारी न्याय और नारी गरिमा का है|
अगर मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2019 को दोनों सदनों की मंजूरी मिल जाती है तो यह बिल राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद, मौजूदा अध्यादेश की जगह लेकर कानून बन जाएगा| जिसके बाद मुस्लिम महिलाओं को एक बार में तीन तलाक कहकर तलाक करना अवैध (गैरकानूनी) हो जाएगा| जिसके लिए अपराधी को 3 साल की सजा भी हो सकती है|
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