जम्मू कश्मीर में कुछ समय से जारी गहमागहमी और सैन्य हलचल के साथ तमाम अटकलों के बीच केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर पर ऐतिहासिक फैसला लेते हुए 70 साल बाद अनुच्छेद 370 को को हटाने का फैसला लिया है |
अनुच्छेद 370 के खत्म होते ही जम्मू कश्मीर राज्य के विशेषाधिकार के साथ ही आर्टिकल 35A स्वता समाप्त हो गया है l अनुच्छेद 370 के कारण भारतीय संसद से पारित कोई भी कानून जम्मू कश्मीर राज्य में लागू नहीं होता था | 370 हटने के बाद राज्य पुनर्गठन विधेयक पेश किया गया है | जिसके पक्ष में 125 मत और विपक्ष में 61 मत पड़े इसी के साथ राज्यसभा में 61 के मुकाबले 125 से जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 पास हो गया हैं |
अनुच्छेद 370 के खत्म होते ही जम्मू कश्मीर राज्य के विशेषाधिकार के साथ ही आर्टिकल 35A स्वता समाप्त हो गया है l अनुच्छेद 370 के कारण भारतीय संसद से पारित कोई भी कानून जम्मू कश्मीर राज्य में लागू नहीं होता था | 370 हटने के बाद राज्य पुनर्गठन विधेयक पेश किया गया है | जिसके पक्ष में 125 मत और विपक्ष में 61 मत पड़े इसी के साथ राज्यसभा में 61 के मुकाबले 125 से जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2019 पास हो गया हैं |
जम्मू कश्मीर और लद्दाख होंगे अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश
अब जम्मू कश्मीर और लद्दाख अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश होंगे, जम्मू कश्मीर में विधानसभा होगी | वह दिल्ली और पांडुचेरी की तरह केंद्र शासित प्रदेश होगा | लेकिन लद्दाख में चंडीगढ़ की तरह कोई विधानसभा नहीं होगी | आज सोमवार 5 अगस्त गृह मंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 हटाने के लिए राज्य सभा में संकल्प पत्र पेश किया था | गृहमंत्री के प्रस्ताव रखने के बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए संविधान आदेश 2019 के तहत अधिसूचना जारी कर दी है |
संसद में अमित शाह ने कहा कि कश्मीर में यह गलत धारणा है कि अनुच्छेद 370 की वजह से कश्मीर भारत के साथ है वही अमित शाह ने कहा कि कश्मीर भारत के विलय पत्र की वजह से साथ है जिस पर 1947 में( महाराजा हरि सिंह ने) हस्ताक्षर किया था | वही 17 अक्टूबर 1949 को अनुच्छेद 370 को पहली बार भारतीय संविधान में जोड़ा गया था | 1954 में लागू किया गया |
टीडीपी सांसदों ने सदन में संविधान के बाद कपड़े फाड़े
चर्चा के समय टीडीपी के सांसद नाजिर अहमद और अमीर फराज संविधान का उल्लंघन करते हुए इन सांसदों ने संविधान की प्रति फाडी जिसके बाद वेंकैया नायडू ने दोनों को सदन से बाहर जाने को कहा | वही नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने कहा हम भारत के संविधान के साथ है हम संविधान की रक्षा के लिए जान की बाजी लगा देंगे लेकिन भाजपा ने आज संविधान की हत्या कर दी |
अमित शाह ने राज्यसभा में अनुच्छेद 370 के सभी खंडों को लागू न करने का संकल्प किया | अनुच्छेद 370 पूरी तरह से खत्म नहीं होगा इसमें अब सिर्फ एक 1-खंड रहेगा |
क्या है अनुच्छेद 370
अनुच्छेद 370 के तहत कश्मीर को विशेष अधिकार प्राप्त होता था | इसी के कारण भारतीय संसद जम्मू कश्मीर के मामले में सिर्फ रक्षा, विदेश मामले और संचार के लिए कानून बना सकती थी | इसी के साथ किसी भी कानून को लागू करवाने के लिए केंद्र सरकार को राज्य सरकार से अनुमति लेनी अनिवार्य होती थी तो|
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