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फतेहपुर- नई कहानी गढ़ पुलिस पर मामले को दबाने के आरोप, महिला आयोग ने पंचायत को नकारा, देखें विरोधाभास भरे बिंदु

                         ( अधिकारी की बाइट)
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के हुसैनगंज थाना क्षेत्र इलाके में शनिवार को पीड़िता को रेप के बाद जलाने की कोशिश के मामले में प्रशासन पर नई कहानी गढ़कर गलत साबित करने के प्रयास के आरोप लग रहे हैं, प्रशासन के मुताबिक प्रेम प्रसंग में रोक लगाने से क्रोधित लड़की ने आत्महत्या की कोशिश की है।
महिला आयोग की सदस्य  कमलेश गौतम के मुताबिक लड़की से मिलने के बाद लड़की ने बताया कि आरोपी ने उसके साथ रेप करने के बाद मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी, सदस्य ने कहा पुलिस किस कहानी के आधार पर  पीड़िता द्वारा खुद को आग लगाने की बात कह रही है, समझ से परे है।

                           ( पुलिस की कहानी)
 महिला आयोग की सदस्य ने पूरे मामले पर प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि पूरे मामले में शासन प्रशासन की बदनामी हो सकती है इसलिए प्रशासन का रवैया पूरे मामले को घुमाते हुए प्रेम प्रसंग से  जोड़कर पूरे मामले को घुमाने का प्रयास किये जाने जैसा है।
इस मामले में महिला आयोग की टीम की सक्रियता से प्रशासन को केंद्र से लेकर राज्य तक बदनामी झेलनी पड़ सकती है।
 (इस मामले में फतेहपुर पुलिस ने प्रारंभिक जांच में युवती द्वारा आत्महत्या के प्रयास का दावा करते हुए बताया कि इसकी पुष्टि गांव के तमाम लोगों और गवाहों कि है इस संबंध में जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक फतेहपुर द्वारा मीडिया को ब्रीफ किया जा चुका है। अधिक जानकारी के लिए ऊपर का वीडियो पूरा सुने)

जिलाधिकारी का तर्क

(जिलाधिकारी की बाइक)
इस घटना पर जिला अधिकारी संजीव सिंह ने  पूरी घटना को प्रेम प्रसंग का नाम देते हुए बताया हैं, कि पंचायत के फैसले से नाराज होकर युवती ने खुद को आग लगाई थी। जिलाधिकारी का तर्क हैं कि दोनों के बीच 2 साल से प्रेम प्रसंग था, शादी की बात चली तो गांव में पंचायत की गई, पंचायत ने फैसला दिया कि दोनों (चाचा भतीजी)  की शादी नहीं हो सकती इससे नाराज होकर युवती ने खुद को आग लगा ली।

 ग्रामीणों ने पंचायत व प्रेम-प्रसंग की बात कही।

गांव की निवासी ने भी रविवार को यो यो तू के बीच प्रेम संबंध को लेकर पंचायत होने की बात कही लोगों ने बताया कि दोनों शादी करना चाहते हैं लेकिन लोक लाज व रिश्तो में चाचा भतीजी होने के कारण उन्हें मना कर दिया। आरोपी ने भी प्रेम-प्रसंग की बात  कबूल करते हुए बताया कि हमने कोई रेप नहीं किया है  उसने पंचायत के फरमान के बाद खुद को आग लगाई।
आग से गंभीर रूप से झुलसी पीड़िता ने मजिस्ट्रेट के सामने दिए बयान में बताया आरोपी मेवालाल ने उसे रेप के बाद जलाया साथ ही परिवार वालों ने भी उसी बात पर मोहर लगाई है।

लड़की के भाई ने  पहली व दूसरी एफ आई आर में अलग अलग बात कही

 इस मामले में लड़की के भाई ने पहली तहरीर में कहा घर के ठीक बगल में रहने वाले रिश्ते के चाचा पर रेप करने का आरोप लगाया,  पहली एफ आई आर में आरोप लगाया गया कि रेप से आहत लड़की ने खुद को आग लगा ली, पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की जिसके कुछ  समय बाद फिर दूसरी f.i.r. की गई जिसमें कहा गया पड़ोस में रहने वाले चाचा ने रेप किया था और उसी ने आग लगा दी।

महिला आयोग की सदस्य ने पंचायत की बात को नकारा

वही महिला आयोग की सदस्य ने परिवार से बात करने के बाद पंचायत की बात को सिरे से खारिज करते हुए कहा आखिर पंचायत हुई तो उसकी भनक पुलिस को कैसे नहीं लगी, किससे (पंचायत की) अनुमति ली गई

पीड़िता के परिजनों का आरोप
पीड़िता के पिता के मुताबिक वह सुबह मजदूरी करने गया था परिवार के अनुसार सभी काम पर चले गए, उनकी बेटी घर में अकेली थी उसी समय पड़ोस के युवक ने उसे रेप की बाद मिट्टी का तेल डालकर आग लगा दी।  अब पुलिस उसे बेटी से मिलने तक नहीं दे रही है।

बता दें कि फतेहपुर पुलिस अधिकारी, अपर पुलिस महानिदेशक व  संबंधित थाने की बाइट में पंचायत व प्रेम प्रसंग का जिक्र करते हुऐ लड़की द्वारा पंचायत के फरमान के बाद आग लगाने की कहानी बयां की गई । 


बयान ने भी रेप के बाद आग लगाने की बात का जिक्र किया।
 जानकारी के मुताबिक पीड़िता ने  महिला थाना अध्यक्ष को दिए गए रिकॉर्डेड बयान में भी दुष्कर्म के बाद जलाए जाने की बात बताई, सूत्रों के मुताबिक पीड़िता ने अब तक जितने भी बयान दिया सब में एक ही बात कहीं है। 

(फतेहपुर थाना हुसैनगंज से वांछित अभियुक्त मेवा लाल पुत्र बब्बू निवासी ग्राम ऊबीपुर थाना हुसैनगंज जनपद फतेहपुर संबंधित मु0अ0स0 306/19 धारा 376/452/ 307 भादवि0 को गिरफ्तार कर मा0 न्यायालय भेजा गया)
 अब सवाल उठता है, अगर पीड़िता का पिता पंचायत में मौजूद ही नहीं था, मजदूरी करने गया था, तो पिता की गैर मौजूदगी में पंचायत कैसे हो गई ?
अगर पुलिस की थ्योरी को मान भी लिया जाए तो पंचायत ने दोनों लड़की- लड़कों को अलग रहने के लिए कसम दिलवाकर फरमान सुनाया, जिससे क्रोधित लड़की ने आत्महत्या की कोशिश की लेकिन ऐसी स्थिति में भी क्या लड़की-लड़के से अलग रहना चाहेगी ? अगर लड़की को पंचों के फैसले ने आत्मदाह के लिए  मजबूर किया, तो अब तक पंचों के खिलाफ कानूनी शिकंजा क्यों नहीं कसा गया ?  लड़की लड़के के साथ रहना चाहती थी तो ऐसी स्थिति में भी, क्या लड़की लड़के के खिलाफ बयान देगी ?  अगर गांव में शनिवार को पंचायत हुई तो वह किसकी इजाजत पर हुई ?  पुलिस पीड़िता के पिता को बेटी से क्यों नहीं मिलने दे रही ?