सीएम ने अभियान चला रखा है कि कोई भूखा ना सोए लेकिन उनके इस अभियान को उनके ही अधिकारी पलीता लगाने में जुटे हुए हैं ताजा मामला वाराणसी से आया है जहां हेल्पलाइन के नाम पर जो कॉल नंबर दिया गया उस पर कॉल भी रिसीव नहीं होती नीचे के अधिकारी मजबूर को बार लॉक डाउन में भटकने को मजबूर कर रहे हैं
प्रदेश में कोई भी भूखा ना रहे पर वादे फेल नजर आ रहे है राशन कार्ड हो या ना हो सब को राशन दिया जाएगा पर कुछ दिनों से भूखे सो रहे है राशन के लिए दर दर भटकते ये परिवार फिर भी इनको राशन नही मिल रहाये परिवार कचड़ा उठाने का कार्य करते है (वार्ड नम्बर 25) बड़ी गैबी जख्खा महमूरगंज में रहते है बाउण्ड्री वाल में अपनी झुगी झोपड़ी बना के 15 ,20 की संख्या में रहते है जो आज तक इनकी कोई समस्या सुनने नही आया ना कोई अनाज भोजन उप्लब्ध हुआ| उनकी फ़रियाद कोई सुनने वाला नही पार्षद के पास जाते है तो बोलते है DM साहब के पास जाओ मेरे पास कुछ नही है| पार्षद जी एक नम्बर देते हुए बोले इसपे कॉल कर लो उसपे भी ये लोग कई दिन से नम्बर लगाते लगाते थक हार गए कोई उठता ही नही है उठाता भी है तो काट देते है कॉल समस्या को सुन के अब ये भूखे लाचार असहाय गरीब किसके चौखट पे जाए
सुनिए मजबूर का दर्द
👉 ये जो नम्बर है गरीबों की समस्या के लिए नंबर दिया गया है पर समस्या तो नही सुनी जाती बस कॉल करने पे ये सुनाई देता है आप जिस व्यक्ति को कॉल कर रहे हैं कोई उत्तर नही दे रहा (9795350000)
👉 ये जो नम्बर है गरीबों की समस्या के लिए नंबर दिया गया है पर समस्या तो नही सुनी जाती बस कॉल करने पे ये सुनाई देता है आप जिस व्यक्ति को कॉल कर रहे हैं कोई उत्तर नही दे रहा (9795350000)