'पापा-मम्मी देखो आज मेरा डिबेट कम्पटीशन में मेरा सेलेक्शन हो गया, हुर्रे !
अब मेरी फाइट नेशनल लेवल पे होगी, जिसका वीडियो दो-दिन के भीतर मुझे ऑनलाइन भेजना है " मोबाइल में पापा को अपना नाम दिखाते हुए गुड़िया बोली, "वाह !मेरी गुड़िया चलो मैंने तेरी तैयारी जो करवाई थी,तूने तो बाजी मार ली" उसके बालों पर हाथ फिराते हुए पापा बोले। "हाँ पापा, अब अगले राउंड के लिए तैयारी करवा दो न, प्लीज़" "नहीं, मुझे कुछ जरूरी ऑनलाइन काम हैं, तुम अपनी मम्मी से कुछ हिंट्स ले लो और बाकि नेट की हेल्प से तैयारी कर लो, वैसे टॉपिक क्या मिला है ?" ' माँ ' "अरे वाह ! ये टॉपिक तुम्हारी माँ से बेहतर कौन बता सकता है!" "ममता,इसकी तैयारी तुम करवा दो, तुम कॉलेज के ज़माने की डिबेट-क्वीन हो, दो दिन बाद 'माँ' के बारे में गुड़िया का 'मदर्स डे' पर कम्पटीशन है,कुछ बता दो ममतू" "हाँ मम्मी, अभी लॉकडाउन में ऑनलाइन ही भेजना है, टाइम कम है !" ममता -ओके, तो सुन गुड़िया, कुछ पॉइंट्स लिख ले - 'माँ सबसे पवित्र होती है ' 'माँ के चरणों में स्वर्ग होता है ' 'कभी माँ का दिल नहीं दुखाना चाहिए' 'अपने बच्चों के लिए हजारों दुःख झेलती है माँ ' 'माँ हर गलती को माफ़ कर देती है ' "और कुछ-कुछ लिख लेना, मुझे आज गोलगप्पा पार्टी करनी है, आंटियों के साथ, ओके " इतने में चाय लेकर दादी माँ आती है, अचानक किसी चीज से फिसलने की वजह से चाय और माँ दोनों गिर जाती हैं ! ममता -अरी बुढ़िया, दीदे फूट गये हैं क्या तेरे या तेरे पैर स्वर्ग में पहुँच गये हैं, सारी साड़ी खराब कर दी, अभी लॉकडाउन में ड्राई-क्लीन क्या तेरा बाप करवाएगा !साली बुढ़िया हमारे टुकड़ों में पल कर हमें ही आँख दिखाती है, तेरी गलती कभी माफ़ नहीं होगी, तेरा दो दिन का खाना बंद !"ममता एक ही सांस में सब बोल गयी ! दादी माँ दिन भर की भूखी आज बिना चश्मे की ही उसको टुकुर-टुकुर देख रही थी !सुबह से काम करते-करते आज भी खाने का वक्त नहीं मिला था उन्हें ! उस माँ का बेटा चुपचाप सहमा हुआ सब सुन रहा था, इतने में बाहर कोई चिल्लाया, "गोलगप्पेवाला, गोलगप्पेवाला " और अब भूखी दादी माँ के मुँह के साथ-साथ आँखों में भी पानी था, जिसे बेबस गुड़िया डर-डर के पोछने की कोशिश कर रही थी ! उधर बरामदे के पास ममता मुँह में गोलगप्पे डाल रही थी और मुँह से 'गप्पें' निकाल रही थी, सहेलियों के साथ 'सोशल डिस्टैन्सिंग' का पालन करते हुए !!
कॉपीराइट दीपक क्रांति, झारखण्ड