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कोविड-19 को लेकर ज्योतिष शास्त्री पंडित जय कुमार शर्मा की, हैरान कर देने वाली भविष्यवाणी,

नवंबर 2019 जब से चीन के हुबेई प्रांत के बुहान शहर से निकलकर कोविड-19 धीरे-धीरे पूरे दुनिया में पैर पसारना शुरू किया है, तब से लेकर अब तक विज्ञान से लेकर ज्योतिषाचार्यो के जन्म से लेकर अंततक के बारे में कोई, ना कोई भविष्यवाणी जरूर की है विज्ञान इलाज खोजने में लगा है तो भारत में प्राचीन समय में विकसित ज्योतिषा विज्ञान के अनुसार ज्योतिषाचार्य अपने गणित ग्रह नक्षत्रों की गणना के हिसाब से इस बीमारी से निपटने से लेकर बचाओ तक की भविष्यवाणी कर रहे हैं।
बता दें भारत में ज्योतिष विद्या का विकसित व प्रमाणित इतिहास रहा है वही ग्रह नक्षत्रों की घटना के हिसाब इसका सटीक बैठना कोई अतिशयोक्ति नहीं बल्कि इसके प्रमाणिकता पर मुहर लगाते हैं, कोविड-19 यानी कि कोरोना वायरस के जन्म से लेकर अब तक ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से प्रसिद्ध ज्योति शास्त्री पंडित जय कुमार शर्मा ने ग्रह नक्षत्रों के अनुसार इस महामारी को लेकर भविष्यवाणी की है। जिसको पढ़ समझ कर आप इसके बारे में पूरी तरीके से आश्वस्त हो सकते हैं। 

ज्योतिष शास्त्री पंडित जय कुमार शर्मा के मुताबिक-

4 नवंबर 2019 को बृहस्पति धनु राशि में केतु शनि दो पाप ग्रहों से युति करके चांडाल योग बनाया। जिसके कारण दुनिया में कोरोना नाम के संक्रमित महामारी का अंकुर पैदा हुआ।
  • 26 दिसंबर 2019 को सूर्य ग्रहण होना भी महामारी को बल देता है 7 फरवरी को मंगल धनु राशि में प्रवेश करता हुआ  केतु की पुष्टि करता है जिससे दुनिया में खलबली मची, लेकिन 24 जनवरी 2020 को शनि ने मकर राशि में प्रवेश कर इस रोग से होने वाली मृत्युदर को कम किया है। 
  • 22 मार्च 2020- शनि मंगल की युति जो दो पाप ग्रह बलवान हो जाने पर शनि स्व राशि में तथा मंगल उच्च राशि में होने से  बृहस्पति ग्रह द्वारा चांडाल योग बना जिससे पूरी दुनिया में कोरोना वायरस का तांडव शुरू हो गया। जिससे बृहस्पति व केतु की युति से महामारी के प्रसार होने से भारत में सत्संग धार्मिक अनुष्ठान तथा यज्ञ आदि रुक गए। 
  •  यज्ञ धार्मिक कार्य रुक जाने से यह रोग और पुष्ट हो गया, 25 मार्च को भारतीय संस्कृति के अनुसार नया वर्ष का प्रवेश मीन राशि में होने पर चीन को घातक हुआ, 25 मार्च को नया विक्रम संवत प्रतिपदा को बुधवार और बुधवार स्वती नक्षत्र होने से प्रभावित देशों में उत्पात बचना शुरू हो गया।
  • 29 मार्च 2020 को  गुरु के नीच राशि में प्रवेश करने से महामारी ने तेजी से विकराल रूप धारण कर लिया जिससे जनधन की हानि और बढ़ गई।
  • 4 जून को मंगल ने कुंभ राशि में प्रवेश किया जिससे देश विदेशों  का कुछ मनोबल बढ़ा जिसके चलते लोगों का कुछ मनोबल बढ़ने से मंगल ग्रह के कुंभ राशि में प्रवेश करने से ही मृत्यु दर घाटी। 
  • 12 मई को शनि वक्री होने पर शनि बलवान हो गया, जिससे महामारी को बढ़ावा मिला तथा 14 मई को गुरु भी नीच राशि में वक्री होना भी इस संक्रमित रोग को प्रभावित करता है तथा लगातार रोग में वृद्धि  होती रही। 

 पंडित शास्त्री ने आगे बताया कि आज के बाद ग्रहण का कोविड-19 वायरस पर क्या प्रभाव पड़ेगा और इसकी दर किस तरह बढ़ेगी और किस तरह घटेगी।

 21 जून को  सूर्य ग्रहण होगा यह  चूड़ामणि होगा यह भी विशेष महामारी को प्रबल बल देगा,  सूर्य ग्रहण से पहलेेे 18 जून को मंगल मीन राशि में प्रवेश करेेेगा, जो चीन के लिए घातक सिद्ध हो सकता है।
29 जून को गुरु धनु राशि में प्रवेश करेगा जिससे रोग कई गुना अधिक बढ़कर जुलाई में हाहाकार मचा सकता है। 23 सितंबर को राहु केतु राशि परिवर्तन करने पर बृहस्पति बलवान होकर देश में शांति तथा रोग का निदान मिलना व रोग से छुटकारा मिलेगा।
                   (वीडियो क्रेडिट-नेहर लाइव न्यूज़)
विशेष:-  चीन और भारत की राशि का स्वामी गुरु है गुरु केतु के साथ होने पर दोनों देश के बीच  युद्ध की स्थिति पैदा करके विश्वयुद्ध को जन्म दे सकता है। 
नोट :- जनवरी-फरवरी 2021 में भी ग्रह स्थिति अच्छी नहीं है।
(विशेष)- अग्निकांड युद्ध रोग आदि से विशेष  क्षति योग है!
  • 4 नवंबर 2020 से दिन प्रति दिन ग्रहों की स्थिति विकट रूप धारण करके कोरोना जैसी महामारी तथा प्राकृतिक आपदा जैसे भूकंप,अग्निकांड तथा जल प्रलय से जन-धन हानि हो सकती है।
  • गोचर ग्रह स्थिति के अनुसार जून मध्य के बाद जुलाई में विशेष प्राकृतिक आपदा भूकंप वर्षा बाढ़ तूफान से भारी हानि की संभव है। सरकार को सावधान रहना चाहिए।
  • 18 जून के बाद शनि की दृष्टि मंगल पर पड़ रही है शनि मंगल दोनों जल राशि में है इसलिए जल प्रलय से भूकंप से तूफान से हानि तथा कोरोना रोग भी भयंकर रूप धारण कर लेगा ऐसा सम्भव है। तथा चीन राशि मीन में मंगल तथा शनि की दृष्टि से राशि का स्वामी बृहस्पति नीच राशि में वक्री से चीन विश्व में अशांति पैदा करेगा। तथा भारत के साथ युद्ध की घोषणा करेगा।
  • संसार के लिए  15 जून  से जुलाई माह-  विशेष संकट का काल होगा, जिसमें दुनिया की अपेक्षा भारत में जनहानि कम होगी। 
गाय के घी से यज्ञ करना तथा हरि कीर्तन करना ही उपचार है। परमात्मा सबकी रक्षा करें सबका कल्याण करें  सबको सद्बुद्धि देवे।
    ज्योतिष शास्त्री पंडित जयकुमार शर्मा
 संपर्क सूत्र-9460034325, 7568299564