टोक्यो ओलंपिक में भारत को पहला गोल्ड, 23 वर्षीय नीरज चोपड़ा ने 86. 58 मीटर जैवलिन थ्रो फेक का रचा इतिहास
टोक्यो ओलंपिक में भारत के एथलीट नीरज चोपड़ा ने 87.3 मीटर जैवलिन थ्रो यानी भाला फेंक में 100 साल के सूखे को खत्म करते हुए भारत की झोली में स्वर्ण पदक डालते हुए इतिहास रच दिया है।
हरियाणा सरकार ने 6 करोड रुपए के ईनाम की घोषणा की है। नीरज चोपड़ा ने भारत की तरफ से ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले महज दूसरे खिलाड़ी हैं उन से पहले वर्ष 2008 में अभिनव बिंद्रा ने निशानेबाजी में भारत की झोली में स्वर्ण पदक डाला था एथलेटिक्स में ओलंपिक खेलों में भारत का पहला स्वर्ण पदक है हरियाणा राज्य के पानीपत के एक छोटे से गांव के रहने वाले नीरज दूसरों के कहने से पानीपत स्टेडियम में जाने लगे और जब जैवलिन थ्रो यानी भाला फेंक में हाथ आजमाया वही से उनका यह सफर शुरू हुआ पानीपत में बेहतर सुविधाएं ना होने की वजह से नीरज पंचकूला शिफ्ट हो गए और पहली बार उनका सामना राज्य स्तर के खिलाड़ियों से हुआ जहां उन्हें बेहतर सुविधाएं मिलने लगी। धीरे-धीरे युवा खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेलों में छाने लगा उन्होंने गोल्ड कोस्ट में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता 2018 में एशियाई खेलों में 88.07 मीटर के भाला फिर उन्होंने राष्ट्रीय स्तर का रिकॉर्ड बनाते हुए स्वर्ण पदक जीता। साल 2019 में नीरज चोपड़ा गांधी की चोट के चलते नहीं खेल पाए सर्जरी के चलते उन्हें कई महीने का आराम करना पड़ा 2020 आते-आते कोविड-19 के चलते अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं पर खतरा मनाते हुए उन्हें रोक दिया गया। आपकी इस स्थिति में सुधार होने के चलते उन्होंने टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचते हुए भारत की झोली में गोल्ड मेडल डाला है।
अब 23 वर्षीय नीरज चोपड़ा की अगली निगाह 2024 में पेरिस ओलंपिक पर है।
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