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Manipur violation : हिंसा के बीच मणिपुर में नारी सम्मान के साथ खुला खिलवाड़, दो महिलाओं को न्यूड करके निकली गई परेड, कहां है कानून व्यवस्था ?

 इतना दुर्भाग्यपूर्ण कांड और उसके बाद भी सत्ता के लालची कुर्सी पर बैठे हैं जांच के नाम पर कार्रवाई आज तक अटकी है अब कहा जा रहा है की कार्यवाही होगी..... अधिकारी और कर्मचारी और वह अंधभक्त जो इसके बचाव में कूद रहे हैं उनसे एक ही प्रश्न है अगर यह आपकी मां बहन और बेटियां होती तब आपका जवाब क्या होता, सोचिएगा जरूर, दिल के किसी कोने में नैतिकता और इंसानियत बाकी हो तो अंतर आत्मा (आत्मा) की आवाज को सुनकर सोचिएगा जरूर, जो भी अधिकारीगण देख और सुन रहे हैं या मामला उनके पास है तो कृपया जल्द से जल्द न्याय करके पीड़ित को इंसाफ दिलाने का कष्ट करें और मणिपुर को शांति दिलायें सत्नता हीं संभाल सकते हो कुर्सी छोड़ दो, राष्ट्रपति शासन..... ने इससे कई गुना खराब स्थितियों को भी संभाल कर शांति बहाल की है। 


Manipur violation : मैदानी इलाकों में रहने वाले मेताई समुदाय को एसटी आरक्षण के मामले में एक अफवाह फैलाने के बाद विगत कई महीनो से मणिपुर में हिंसा जारी है इस हिंसा के बीच नरी यानी बहन बेटियों के साथ शर्मनाक अपमान की दुर्भाग्यपूर्ण तस्वीरें और वीडियो सामने आई है राज्य में दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके परेड निकालने का वीडियो बुधवार 19 जुलाई को पब्लिक में आने के बाद से नए सिरे से तनाव फैल गया है।


 प्रशासन को पूरे मामले में निष्पक्ष जांचकरा कर मामले के दोषियों पर कठोर कार्रवाई की जरूरत है। पुलिस अधिकारियों ने वीडियो को 4 में का यानी पुराना बताया है जब उग्र भीड़ में एक समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके खुलेआम परेड निकला यही नहीं उनके स्थानों और जनन अंगों पर हाथ डालते हुए दुर्भाग्यपूर्ण वीडियो है जिसे हम यहां नैतिकता के लिहाज से अपलोड भी नहीं कर सकते। बरहाल बाकी चीज पुलिस की प्रेस रिलीज में समझिएगा।



पूरे मामले को लेकर मणिपुर पुलिस के एसपी मेघा चंद्र सिंह ने बयान देते हुए बताया कि महिलाओं को निरस्त करने का मामला 4 में का है हमने गैंगरेप हत्या और अपहरण की धाराओं सहित अन्य धाराओं में अज्ञात लोगों के

खिलाफ नोंगपोक सकमाई पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया है। 

वीडियो में साफ तौर पर दिख रहा है कि पुरुषों द्वारा असहाय महिलाओं के गुप्तांगों से खिलवाड़ किया जा रहा है यही नहीं पब्लिक में पुरुषों की भीड़ के सामने परेड निकाल कर बेइज्जत किया जा रहा है वह मानते मांग रही हैं भारतीय लोकतंत्र में से दुर्भाग्यपूर्ण और क्या हो सकता है ?









इतना पुराना मामला होने के बावजूद अभी तक आरोपियों को गिरफ्तारी नहीं की गई नैतिकता के लिहाज से शासन प्रशासन मांग अब अपनी बुद्धि पर बैठा है अगर कार्रवाई नहीं कर पा रहे हो तो इस्तीफा देकर पब्लिक से माफी मांगो ?

बता दे मेताई समुदाय को मणिपुर राज्य में अनुसूचित जनजातीय एसटी का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में 3 में को पार्वती जिलों में आदिवासी एकजुट मार्च के आयोजन के बाद दोनों समुदाय में कुकी और मेताई समुदाय में हिंसा झड़प हो गई तब से अब तक 120 लोगों की जा जा चुकी है। अभी पूरी तरीके से हिला कंट्रोल में नहीं है छुटपुट घटनाएं अलग-अलग हो रही है इतना अधिक माहौल खराब होने के बाद भी राष्ट्रपति शासन लगाकर मामले को पूरी तरीके से शांत करने के बजाय नेताओं को कुर्सी का मौह सता रहा है और बीच में पब्लिक पीस रही है। 

विशाल की रिपोर्ट ( Vishal Gupta )


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