उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र में स्थित लूलू मॉल एक बार फिर विवादों के घेरे में है। मॉल में कार्यरत एक 25 वर्षीय हिंदू युवती ने अपने सीनियर मैनेजर, मोहम्मद फरहाज उर्फ फराज, पर रेप, मारपीट, ब्लैकमेलिंग, और जबरन धर्म परिवर्तन का दबाव डालने जैसे संगीन आरोप लगाए हैं। पीड़िता के बयान ने इस मामले को गंभीर और संवेदनशील बना दिया है, और पुलिस ने त्वरित कार्रवाई शुरू कर दी है।
पीड़िता का बयान: गंभीर और चौंकाने वाले आरोप**
युवती ने पुलिस को दी गई अपनी तहरीर में बताया कि मोहम्मद फरहाज, जो मॉल में सीनियर मैनेजर (कैश सुपरवाइजर) के पद पर कार्यरत है, ने कुछ महीने पहले उसे बहाने से अपने घर बुलाया। वहां उसने कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर उसे पिलाया, जिसके बाद वह बेहोश हो गई। पीड़िता का आरोप है कि फरहाज ने उसकी बेहोशी का फायदा उठाकर उसके साथ रेप किया और इस घटना का अश्लील वीडियो बना लिया। इसके बाद, उसने इस वीडियो को वायरल करने की धमकी देकर उसे ब्लैकमेल करना शुरू किया।
युवती ने आगे बताया, “फरहाज ने मुझे बार-बार होटल और अपने घर ले जाकर मेरा शारीरिक शोषण किया। उसने मेरे रुपये और जेवर भी हड़प लिए। जब मैंने विरोध किया, तो उसने मुझे सिगरेट से जलाया, गालियां दीं, और मारपीट की।” सबसे गंभीर आरोप यह है कि फरहाज ने उस पर इस्लाम कबूल करने का दबाव बनाया। पीड़िता के अनुसार, फरहाज ने कहा, “अगर तुम्हें मॉल में नौकरी करनी है, तो इस्लाम कबूल करना होगा।” उसने यह भी बताया कि फरहाज ने बार-बार उसकी धार्मिक आस्था और हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया।
युवती ने अपनी तहरीर में कहा कि लोकलाज और डर के कारण वह लंबे समय तक चुप रही, लेकिन फरहाज की प्रताड़ना बढ़ने पर उसने 7 जुलाई 2025 को सुशांत गोल्फ सिटी थाने में शिकायत दर्ज कराई।[]
पुलिस की कार्रवाई, फरहान गिरफ्तार
लखनऊ पुलिस ने पीड़िता की शिकायत पर तत्काल कार्रवाई करते हुए 8 जुलाई 2025 को मोहम्मद फरहाज को गिरफ्तार कर लिया। डीसीपी नॉर्थ निपुण अग्रवाल के अनुसार, आरोपी के खिलाफ रेप मारपीट आपराधिक धमकी) समेत अन्य सुसंगत धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। धर्म परिवर्तन के आरोपों की जांच भी शुरू की गई है। फरहाज, जो अयोध्या के रामनगर का निवासी बताया जा रहा है, को गिरफ्तारी के बाद कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया।
पुलिस ने मॉल के अन्य कर्मचारियों से भी पूछताछ शुरू की है ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह व्यक्तिगत अपराध है या किसी बड़े रैकेट का हिस्सा। पुलिस ने जनता से अपील की है कि इस मामले में अफवाहें न फैलाएं और जांच पूरी होने तक संयम बरतें।
लूलू मॉल का विवादों से पुराना नाता
लूलू मॉल, जो 11 जुलाई 2022 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उद्घाटित किया गया था, पहले भी विवादों में रहा है। जुलाई 2022 में मॉल के अंदर नमाज पढ़ने का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसके बाद हिंदू संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था। इस बार के आरोपों ने मॉल की छवि पर फिर से सवाल उठाए हैं। हालांकि, लूलू मॉल प्रबंधन ने इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।
पीड़िता के मुताबिक- लूलू मॉल के पीछ चाय की दुकान पर मेरी उससे मुलाकात हुई थी जहां से वह मुझे सूर्यवंशी होटल ले गया. होटल के कमरे में मुझे कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ मिलाकर दिया. मैं बेहोश हो गई और सरफराज ने मेरे साथ शारीरिक संबंध बनाया. मैं जब होश में आई तो मेरे शरीर पर एक कपड़ा नहीं था. जब मैंने पूछा तो उसने वीडियो दिखाते हुए कहा कि अगर किसी को बताया तो सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल कर दूंगा. फिर गालियां देकर कहने लगा कि अगर किसी को कुछ बताया तो वीडियो लीक कर दूंगा. वह ये दिखाकर मुझसे पैसे भी लेता रहा था. विरोध करने पर मारता पीटता था. इसके साथ ही धमकी भी दी कि अगर मैंने अपना धर्म नहीं बदला और मुसलमान नहीं बनी तो वो मुझे नौकरी से निकाल देगा)
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
यह मामला सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। कई यूजर्स ने पीड़िता के समर्थन में आवाज उठाई है और इस घटना को “लव जिहाद” और जबरन धर्म परिवर्तन से जोड़ा है। कुछ पोस्ट्स में इसे मॉल में मुस्लिम कर्मचारियों की संख्या से जोड़ा गया है, जो विवादास्पद दावे हैं। दूसरी ओर, कुछ लोगों ने जांच पूरी होने तक निष्कर्ष न निकालने की सलाह दी है।
### **विशेषज्ञों की राय**
कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि रेप और जबरन धर्म परिवर्तन जैसे आरोपों की जांच में ठोस सबूतों की आवश्यकता होती है। वरिष्ठ वकील रमेश तिवारी ने कहा, “पुलिस को पीड़िता के बयान, मेडिकल रिपोर्ट, और अन्य साक्ष्यों की गहन जांच करनी चाहिए। धर्म परिवर्तन के आरोप संवेदनशील हैं और इनके लिए स्वतंत्र सत्यापन जरूरी है।” सामाजिक कार्यकर्ता अनीता वर्मा ने कहा कि इस तरह के मामलों में पीड़िता की गोपनीयता और सुरक्षा सुनिश्चित करना पुलिस की प्राथमिकता होनी चाहिए।
पीड़िता के बयान ने लूलू मॉल में हुई इस कथित घटना को गंभीर और संवेदनशील बना दिया है। पुलिस ने कार्रवाई शुरू कर दी है, लेकिन धर्म परिवर्तन और ब्लैकमेलिंग जैसे आरोपों की सत्यता जांच के बाद ही स्पष्ट होगी।

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