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तीसरे मोर्चे की सुगबुगाहट शुरू, क्या होगा स्वरूप सस्पेंस बरकरार

लोकसभा चुनाव 2019 नतीजे आने से पहले ही तीसरे मोर्चे ने अपनी कोशिश शुरू कर दी है| इसी कड़ी में तीसरे मोर्चे की कोशिश में लगे तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव ने डीएमके के अध्यक्ष स्टॉलिंग से मुलाकात की है| पिछले हफ्ते केसीआर ने केरल के सीएम पिनराई विजयन  के साथ भी मुलाकात की थी| सूत्रों के मुताबिक दोनों नेताओं ने त्रिशंकु लोकसभा की स्थिति को लेकर बातचीत की है| लेकिन बातचीत को लेकर कोई खुलासा नहीं किया है| यूपीए और एनडीए दोनों के बहुमत से दूर होने पर केंद्र में तीसरे मोर्चे की सरकार को लेकर क्षेत्रीय दलों का एकीकरण  करके ममता बनर्जी, केसीआर, एसपी-बीएसपी गठबंधन लगातार तीसरे मोर्चे की सरकार बनाने की कोशिश में लगे हुऐ है | तीसरे मोर्चे को लेकर अलग-अलग जगह पर सुगबुगाहट शुरू हो चुकी हैं | नतीजे 23 मई गुरुवार को आएंगे तभी स्थिति साफ होगी| किसका क्या गणित रहता है| और कौन किस भूमिका में होगा, किसको जनादेश मिलेगा|

त्रिशंकु लोकसभा होने पर  क्षेत्रीय दल होंगे किंग मेकर की भूमिका में
किसी भी गठबंधन को स्पष्ट बहुमत ना मिलने पर क्षेत्रीय दलों का महत्त्व बढ़ जाएगा और उनकी सरकार बनाने में अहम भूमिका हो सकती है| गैर एनडीए, गैर यूपीए गठबंधन से हटकर देश के छोटे-छोटे दल तीसरे मोर्चे के गठन की कोशिश में लगे हुए हैं| वहीं इस कवयात को लेकर केसीआर ने स्टालिन से चेन्नई में उनके आवास पर मुलाकात की है| वहीं तमिलनाडु कांग्रेस के अध्यक्ष केएस अलागिरी ने दोनों की मुलाकात को विफल करार देते हुए कहा ना तो देश में तीसरा मोर्चा संभव है| और ना ही यह विचार व्यावहारिक है| देश की सभी पार्टियां इस से अच्छी तरह वाकिफ है|

तीसरे मोर्चे के गठन की कोशिश
2018 में केसीआर से ममता बनर्जी की मुलाकात के बाद तीसरे मोर्चे के गठन की कवायद तेज है | तीसरे मोर्चे को लेकर यूपी से लेकर पश्चिम बंगाल, दिल्ली तक मे अहम महत्वपूर्ण बैठके हो चुकी है| ममता बनर्जी के साथ  केसीआर ने देश को वैकल्पिक एजेंडा और वैकल्पिक राजनीतिक शक्ति की जरूरत बताने के साथ ही| कांग्रेस बीजेपी से अलग सभी सामान सोच वाली पार्टियों से बातचीत कर तीसरे मोर्चे के गठन की नीव रखी थी|

क्या हो सकता है तीसरे मोर्चे का अंक गणित
केसीआर, ममता बनर्जी के तीसरे मोर्चे के पीछे एक सोची-समझी  अंकगणितीय राजनीति है| लेकिन अभी ना तो तीसरे मोर्चे का गठन हुआ है| और ना ही तीसरे मोर्चे का सबसे बड़ा दावेदार कौन होगा बात स्पष्ट है| अभी तक केवल कयास लगाए जा रहे हैं| अखिलेश यादव ने तो कहा अगला सीएम यूपी से ही होगा| ममता ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं| वहीं जानकारों के मुताबिक तीसरे मोर्चे की सरकार एनडीए और यूपीए से अलग हुई पार्टियां तय करेंगी|

                                   विशाल गुप्ता की रिपोर्ट

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