उत्तर प्रदेश के बाद महाराष्ट्र लोकसभा सीटों के लिहाज से देश का दूसरा सबसे बड़ा राज्य है| जल्दी ही यहां विधानसभा चुनाव होने है जिसको लेकर बीजेपी शिवसेना के बीच कवायत ( गहमागहमी) तेज हो चुकी है| यहां पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी और शिवसेना के बीच 135-135 सीटों का बंटवारा हुआ था| और बीजेपी शिवसेना ने अपने सहयोगियों के लिए18 सीटे छोड़ी थी| (महाराष्ट्र में 288 विधानसभा सीटे हैं) भाजपा अपने उसी (पुराने) फार्मूले पर अडिग रहते हुए सीट बंटवारे की बात कर रही हैं| वही खबरें आ रही है की शिवसेना पुराने फार्मूले से नाखुश है| वही प्रकाश अंबेडकर की पार्टी (वंचित बहुजन आघाडी) और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी(AIMIM) के बीच दरार की खबर है| वहीं कांग्रेसी और राकपा की राह आसान नहीं लग रही हैं|
बेशक बीजेपी-शिवसेना के बीच गठबंधन हो लेकिन यहां भी नाराजगी साफ दिख रही है वहीं कांग्रेस महाराष्ट्र की खोई हुई जमीन को वापस पाने की कोशिश कर रही है| अंबेडकर और ओवैसी के गठबंधन से बीजेपी और शिवसेना को फायदा ही हुआ है उनके दो उम्मीदवार को छोड़कर बाकी सब वोट कटवा तो बने लेकिन वोटों को जीत में नहीं बदल सके| वहीं जानकारों का मानना है प्रकाश आंबेडकर कांग्रेस राकपा से हाथ मिलाते तो बीजेपी शिवसेना को झटका लगना लगभग तय था| वहीं शिवसेना राज्य में अपने बड़े भाई का दर्जा बरकरार रखना चाहिए लेकिन यह तो समय ही बताएगा किसको कितनी सीटें बंटवारे में मिलती है|
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