मध्यप्रदेश के रीवा जिले से एक अजीबोगरीब वाकया सामने आया है, शायद देश में यह पहला मामला है, जब किसी राज्या में चुने हुए प्रतिनिधि (सरपंच) का तबादला आदेश जारी कर दिया गया हैं| बाद में बताया गया कि पंचायत सचिव का तबादला किया जाना था, गलती से सरपंच का तबादला हो गया| जब से मध्य प्रदेश कि सत्ता में परिवर्तन हुआ है तब से तबादलों को लेकर चर्चाएं हो रही है. वहीं मुख्य विपक्षी दल बीजेपी राज्य की कमलनाथ सरकार पर तबादला उद्योग चलाने का आरोप लगा रही है, राज्य में कई ऐसे मामले भी सामने आए हैं जहां एक ही अधिकारी कर्मचारी के एक साथ कई तबादले आदेश जारी कर दिऐ गऐ|
किसके होते ही तबादले
लेकिन तबादले सरकारी अधिकारी व नौकरशाहों के होते हैं किसी चुने हुए प्रतिनिधि के नहीं,
क्या और कहां का है मामला
मध्य प्रदेश के रीवा जिले के शिवपुरवा में प्रशासन ने तबादले की हड़बड़ी में एक पंचायत सचिव (विभा त्रिवेदी) के स्थान पर सरपंच (बिहारी लाल पटेल) का तबादला (ट्रांसफर) आदेश जारी कर दिया गया| इस मामले का खुलासा उस समय हुआ जब यह मुद्दा मानसून सत्र के दौरान सदन में गुंजा|
बीजेपी विधायक ने उठाया मुद्दा
यह मामला राज्य की विधानसभा में देवतालाब से बीजेपी विधायक गिरीश गौतम ने कमलनाथ सरकार पर हमला बोलते हुए उठाया उन्होंने कहा कि मंत्री इतने व्यस्त हैं कि सरपंच का ही ट्रांसफर कर दिया|
कमलनाथ सरकार के मंत्री ने सफाई दी
इस मामले में कमलनाथ सरकार के पंचायती राज मंत्री कमलेश्वर पटेल का कहना है कि हमने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं जो भी जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी| उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में सरकार के स्तर पर कोई गलती नहीं हुई है|
हो रही किरकिरी
प्रशासन के इस कारनामे के बाद मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार की खूब किरकिरी हो रही है| वहीं विपक्ष पर तबादला उद्योग चलाने का आरोप लगा रहा है