बाबर ना तो जमीन का मालिक था और ना उसने मस्जिद बनवाई, वकील राम जन्मभूमि पुनरुद्धार समित
अयोध्या राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सुनवाई गुरुवार 15वें दिन हुई इस सुनवाई में राम जन्मभूमि पुनरुद्धार समिति के वकील पी एन मिश्रा ने पांच सदस्य संवैधानिक पीठ के सामने अपना पक्ष रखते हुए कहां की (ना) 1528 में मस्जिद का निर्माण किया गया और ना ही इस बात के सबूत हैं कि इसका (बाबरी मस्जिद) निर्माण बाबर ने किया था ।
(संकेतिक तस्वीर)
वही पीएन मिश्रा ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मुस्लिम पक्षकार हाईकोर्ट में यह साबित नहीं कर पाए थे, कि मस्जिद का निर्माण बाबर ने करवाया था। वहीं उन्होंने आगे कहा कि मुस्लिम पक्ष और हाईकोर्ट ने माना था कि ऐसा कोई सबूत नहीं है कि मस्जिद बाबर ने बनवाई थी। वहीं पी एन मिश्रा ने इस बात पर जिरहा करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला पढ़ा और आगे दलील देते हुए कहा की मस्जिद को मंदिर के ऊपर बनाया गया था, क्योंकि मंदिर के अवशेष उस जगह से मिले हैं कुछ लोगों का मानना है कि मंदिर को गिराकर मस्जिद बनाई गई थी, जबकि कुछ लोगों का मानना है कि मंदिर को ध्वस्त करके मस्जिद बनाई गई थी। आगे पीएन मिश्रा ने कहा बाबर विवादित जमीन का मालिक नहीं है ऐसे में जब कोई सबूत ही नहीं तो मुस्लिम पक्षकार को विवादित जमीन पर कब्जा या हिस्सेदारी नहीं दी जा सकती । ऐसे में सुन्नी वक्ता बोर्ड का मामले में दावा ही नहीं बनता।वहीं जस्टिस बोबडे ने पीएन मिश्रा से 3 बिंदु स्पष्ट करने को कहा- 1- क्या वह एक स्ट्रक्चर था? 2- क्या स्ट्रक्चर मस्जिद है या नहीं ? 3- वेस्टीज से हिंदुओं को समर्पित था ?
बता दें कि मध्यस्था के द्वारा हल निकलने की कोशिश फेल हो जाने के बाद, 6 अगस्त से सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ प्रतिदिन इस मामले की सुनवाई कर रही है, जिसमें जस्टिस एस ए बोबडे जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ जैसे अशोक भूषण एवं जस्टिस एस ए नाजिर शामिल है।