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अयोध्या केस, आज 17वें दिन मुस्लिम पक्ष ने रखी अपनी दलीलें,  मुस्लिम पक्ष ने रामायण को कल्पनिक कव्य करार दिया, कहा कानून के हिसाब से चलेगा केस

सोमवार 17वें सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच के सामने मुस्लिम पक्ष के वकील  राजीव धवन ने अपना पक्ष रखते हुए अपनी दलीलें दी।
उन्होंने हिंदू पक्ष की तरफ से पेश की गई दलीलों को काटते हुए कहा कि मुकदमा कानून अनुसार चलेगा वेद और स्कंद पुराण के आधार पर नहीं, 
वही राजीव धवन ने कहा मेरे मित्र वैद्यनाथन ने अयोध्या में लोगों द्वारा परिक्रमा करने संबंधी दलील दी है, लोगों द्वारा उस स्थान की परिक्रमा करना धार्मिक विश्वास को दिखाता है  परिक्रमा कोई सबूत नहीं हो सकती, ‌ उन्होंने कहा इसे लेकर इतनी दलीलें दी गई लेकिन इन्हें सुनने के बाद मैं यह नहीं दिखा सकता की परिक्रमा कहां है इसलिए यह सबूत नहीं है। वहीं राजीव धवन ने अट्ठारह सौ 58 से पहले के गैजेटियर का हवाला  देने को भी गलत बताया है उन्होंने इसके पीछे दलील दी की अंग्रेजों ने लोगों से जो सुना लिख लिया इसका मकसद ब्रिटिश लोगों को जानकारी देना भर-था। 

मुस्लिम पक्षकार के वकील धवन ने रामायण को कल्पनिक काव्य करार दिया ।
इससे पहले धवन ने दलील देते हुए कहा था कि महाभारत एक इतिहास है और रामायण एक काव्य है इस पर जस्टिस बोबडे ने पूछा इन दोनों में क्या अंतर है ?
राजीव धवन ने इस पर कहा कव्य तुलसीदास द्वारा कल्पना के आधार पर लिखी गई थी। इस पर जस्टिस बोबडे ने कहा कुछ तो साक्ष्य के आधार पर लिखा जाता होगा।  धवन ने दलील देते हुए कहा हम सिर्फ इसलिए इस पक्ष को मजबूती से देख रहे हैं क्योंकि वहां की शिला पर एक मोर या कमल था इसका मतलब यह नहीं कि मस्जिद से पहले एक विशाल संरचना थी। उन्होंने दलील देते हुए कहा अनुभवहीन  इतिहासकार की बात को नहीं मान सकते इस पर उन्होंने दलील दी कि विदेशी यात्रियों ने मस्जिद का जिक्र नहीं किया लेकिन मार्को पोलो ने भी तो चीन की महान दीवार के बारे में नहीं लिखा था। उन्होंने कहा या कानून का मामला है हम इस मामले में किसी अनुभवहीन इतिहासकार की बात को नहीं मान सकते हैं हम सभी अनुभवहीन ही हैं ।
इससे पहले शुक्रवार तक अदालत में रामलला विराजमान,
निर्मोही अखाड़ा, हिंदू महासभा, श्री राम जन्मभूमि पुनरुत्थान समिति की ओर से दलील पेश की जा चुकी है । मामले में आज से मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन अपनी दलीलें पेश कर रहे हैं । इस मामले की सुनवाई जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यी  पीट कर रही है जिसमें जस्टिस एस ए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस ए नजीर भी शामिल
है।