लखनऊ - सुशांत गोल्फ सिटी अंसल के बिल्डरों के खिलाफ सबसे ज्यादा केस दर्ज हुए हैं उन पर आरोप है कि उन्होंने आवंटियों का पैसा दूसरे प्रोजेक्ट में लगाया जिसकी पुष्टि फाइनेंसियल ऑडिट में हुई है, कुल मिलाकर बिल्डरों ने आवंटियों के 505 करोड रुपए एक दूसरे प्रोजेक्ट में लगा दिया।
जिससे लखनऊ की परियोजना बीच मझधार में अटक गई है, बुधवार को रेरा के चेयरमैन राजीव कुमार ने इसकी जानकारी दी। रेरा के चेयरमैन ने कहा अंसल बिल्डर का मामला उत्तर प्रदेश शासन में लंबित है। लेकिन उसके पास जो जमीन बची है, अगर उसे बेच दिया जाता है तो अधूरी पड़ी परियोजना को पूरा कराया जा सकेगा। वहीं उन्होंने कहा अंसल को हाईटेक टाउनशिप नीति के तहत 10 सालों के लिए लाइसेंस दिया गया था जिसकी अवधि पूरी हो गई है, इसलिए एलडीए नक्शे को नहीं पास कर रहा है टाउनशिप के लाइसेंस की अवधि को बढ़ाने का काम कैबिनेट मंजूरी के बाद ही होगा ।वहीं उन्होंने बताया कि अंसल ने डेढ़ सौ करोड रुपए आवंटियों को वापस करने की जानकारी दी है। उन्होंने कहा अगर सरकार लाइसेंस की अवधि आगे बढ़ा देती है तो रेरा आगे की कार्रवाई शुरू करेगा। उन्होंने बताया रोहतास बिल्डर की 3 परियोजनाओं के लाइसेंस को निरस्त कर दिया गया है जिसका काम रेरा खुद पूरा कर आएगा। वहीं उन्होंने कहा एलडीए में शुल्क जमा करना है जिसे जमा करने के बाद उनके पंजीकरण का नक्शा मिल जाएगा जिसके बाद लोगों लोगों को उनके मकान मिलने का रास्ता खुल जाएगा।