केंद्र की एनडीए सरकार प्रॉपर्टी पर मालिकाना हक को लेकर एक नया कानून बनाने जा रही है जिसमें व्यक्ति की चल अचल संपत्ति को आधार कार्ड से लिंक कराना अनिवार्य होगा। जानकारी के मुताबिक खरीद-फरोख्त व फर्जीवाड़े को रोकने के लिए सरकार व्यक्ति की चल अचल संपत्ति को आधार कार्ड से लिंक कराना अनिवार्य कर रही है, जिससे बेनामी संपत्ति सामने आ सक
सूत्रों के मुताबिक इसमें प्रॉपर्टी ओनरसिप फिक्स डिपाजिट समेत चल अचल संपत्ति को भी आधार कार्ड से जोड़ना जरूरी होगा जिसके लिए सरकार बकायदा शीतकालीन सत्र में बिल लाकर इसे अमलीजामा पहनाकर लागू करेगी।
दैनिक भास्कर के मुताबिक इस कानून को लेकर ड्राफ्ट तैयार हो चुका है और एक सदस्य विशेष समिति गठित कर दी गई है।
आधार से संपत्ति लिंक कराने के फायदे
- आधार को संपत्ति से लिंक कराना वैकल्पिक होगा। जो लोग अपनी संपत्ति को आधार से लिंक कराएंगे, सरकार उनकी संपत्ति पर अवैध कब्जे को हटाने की संपूर्ण जिम्मेदारी लेगी। जो व्यक्ति आधार से अपनी संपत्ति को लिंक नहीं कराएंगे सरकार उनकी संपत्ति पर होने वाले अवैध कब्जे को छुड़ाने की कोई जिम्मेदारी नहीं लेगी।
- संपत्ति को आधार से लिंक कराने के बाद सरकार संपूर्ण जानकारी की बायोमेट्रिक फाइल सरकार बनाकर सेव रखेगी। उसके बाद व्यक्ति बायोमेट्रिक के जरिए ऑनलाइन घर बैठे ही अपनी संपत्ति को बेच सकेगा। लेकिन संपत्ति की रजिस्ट्री में एक माह का समय लगेगा।
- व्यक्ति की संपूर्ण जमीन या संपत्ति एक ही जगह से देखी जा सकेगी। यानी कि अब जमीन को अलग-अलग ग्रामसभा से सूची निकाल कर अलग-अलग गाटा संख्या में देखने की कोई जरूरत नहीं रहेगी।
- इससे व्यक्ति को अपनी संपत्ति पर अवैध कब्जे से छुटकारा बा आसानी से लोन मिल सकेगा।
- खसरा नंबर के आधार पर रजिस्ट्रार ऑफिसमैं खसरा के हिसाब से टाइटल जनरेट करना होगा जिसे आधार से लिंक करके जमीन का रिकॉर्ड अपडेट होगा। इसमें 1 इंच भी जमीन बेचने पर रिकॉर्ड तुरंत अपडेट हो जाएगा।