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कानपुर अपहरण केस- फिरौती लेने के बाद भी अपहरत लैब टेक्नीशियन संजीत की हत्या, पुलिस की घनघोर लापरवाही आई सामने,सुने पीड़िता का दर्द

उत्तर प्रदेश कानपुर जिले में करीब एक महीना पहले बर्रा थाना क्षेत्र के लैब टेक्नीशियन संजीत यादव किडनैपिंग मामले में गुरुवार देर रात बुरी खबर आई पुलिस के अनुसार गुरुवार की रात कुछ लोगों को पकड़ा गया तब उन्होंने बताया कि लैब असिस्टेंट संजीत यादव की 26 27 जून को हत्या कर उनके शव को नहर में फेंक दिया गया। 
पुलिस ने युवक के परिजनों को जब पूरे मामले की खबर दी तो परिजनों का रो रो कर बुरा हाल हो गया,
संजीत की बहन रुचि ने पुलिस अधिकारियों पर धोखा देने का आरोप लगाते हुए उन्हें जेल भेजने की मांग की पुलिस ने बताया कि संजीत की हत्या के मामले में उसके को साथियों को पकड़ा गया है बता दें उससे पहले 15 जुलाई को युवक के परिजनों ने पुलिस के कहने पर पुलिस के साथ जाकर अपहरणकर्ताओं को 30 लाख की फिरौती दी थी जिसके बाद अपहरणकर्ता लचर कानून व्यवस्था का फायदा उठाते हुए फरार हो गए, 
जिसके बाद पुलिस ने पीड़िता के घर जाकर दबाव देते हुए बयान बदलने की भी कोशिश की फिरौती वाली खबरों के बाद लापरवाही के आरोपों के बीच वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार ने बर्रा थानेदार रंणजीत राय को सस्पेंड कर संजीत यादव को जल्द मुक्त कराने का आश्वासन परिवार को देते रहे जिसके बाद पीड़ित के परिवार को गुरुवार की रात दिल दहला देने वाली खबर मिलने के बाद उनके सब्र का बांध टूट गया।
 वहीं पीड़िता की बहन सुरुचि तड़पते हुए थानेदार चौकी प्रभारी पुलिस अधीक्षक को अपने भाई को मौत का जिम्मेदार बताते हुए कहा 22 जून हो गया था। जिसके बाद 30 लाख की फिरौती मांगे जाने पर उन्होंने बर्रा पुलिस से लेकर साउथ एसपी अपर्णा गुप्ता तक गुहार लगाई परिजनों ने बताया कि उन्होंने संजीव को छुड़ाने के लिए फिरौती की रकम जुटाने के लिए घर ज्वेलरी व कीमती सामान बेचकर पैसे इकट्ठा कर फिरौती दिलवाई।
 
लेकिन पुलिस की घोर लापरवाही के चलते ना पुलिस उसके भाई को छुड़वा पाए और ना ही बदमाशों को पकड़ पाई। 

पूरी खबर के लिए कृपया यहां क्लिक करें -कानपुर अपहरण- 30 लाख फिरौती की रकम लेने के बाद भी बदमाशों ने नहीं छोड़ा, दबाव में पुलिस ने पीड़िता से बदलया बयान | 

क्या है पूरा मामला


22 जून की शाम एक अस्पताल में लैब टेक्नीशियन का काम करने वाले 30 वर्षीय संदीप गुप्ता शाम को अस्पताल से निकलते हैं लेकिन सुबह घर नहीं पहुंचे 1 सप्ताह बाद 29 जून को फिरौती के लिए पीड़ित के घर फोन आया चमन लाल ने बताया बताया कि उन्होंने पूरे मामले की जानकारी पुलिस को दी पुलिस ने अपहरणकर्ताओं नंबर नोट करने के बाद परिवार से अपहरणकर्ताओं का फोन आने पर लंबी बात करने को कहा जिससे अपहरणकर्ताओं का काल सर्वलांस पर लगाकर ट्रेस कर उनकी सही लोकेशन पता कियी जा सके, लेकिन पुलिस यह सब करने में भी फेल रही लगातार फिरौती के लिए फोन आते रहे मृतक के परिजनों को लगातार अपहरणकर्ता धमकी देते रहे कि अगर 30 लाख की फिरौती की रकम उन्हें नहीं दी गई तो वह युवक को छोड़ने के बजाय उसकी हत्या कर देंगे।
पान की गुमटी चलाकर परिवार का भरण पोषण करने वाले संजीत के पिता चमन लाल ने पूरे मामले की सूचना के बाद पुलिस के कहने पर किसी तरह घर जमीन जेवर को बेचकर 30 लाख की रकम इकट्ठा की और उसे एक बैग में रखकर पुलिस की मौजूदगी में गुजैनी के पुल के ऊपर रुपयों से भरा बैग पैक कर अपहरण को फिरौती दी पुलिस फिर भी अपहरण कर्ताओं को पकड़ने में नाकाम रही उल्टे पीड़ित के परिवार पर बैग में रुपया ना होने की बात का झूठ बोलने का दबाव बनाया जाता रहा। वही पीड़ित ने बताया कि चौकी प्रभारी से लेकर थानेदार व पुलिस अधीक्षक तक के चक्कर लगाते रहे उन्हें केवल आश्वासन की घुट्टी पिलाई जाती रही कोई पुख्ता कार्रवाई नही देखने को नहीं मिली पुलिस की घोर लापरवाही के चलते उन्हें अपने भाई को खोना पड़ा।