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पूर्वांचल के डॉन मुख्तार अंसारी गैंगस्टर एक्ट में दोषी करार, 10 साल की सजा, 500000 का जुर्माना

 उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में डॉन मुख्तार अंसारी और उसके भाई अफजाल अंसारी की तूती बोलती थी उसी पूर्वांचल के गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट ने 15 साल पुराने 2007 में लगें गैंगस्टर एक्ट में सुनवाई पूरी करते हुए बीएसपी के बाहुबली सांसद मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा के साथ 500,000 का जुर्माना लगाया है। जबकि बसपा सांसद अफजाल अंसारी को 4 साल की सजा और 100000 का जुर्मान लगाने के साथ ही जमानत पर चल रहे अफजाल अंसारी को पुलिस ने कस्टडी में ले लिया है। 
                          (मुख्तार अंसारी फाइल फोटो)

 न्याय के देवता शनि देव का दिन शनिवार मुख्तार अंसारी और अफजल अंसारी के लिए बड़ा गुजर रहा है।

कोर्ट द्वारा सुनाने के बाद शांति व्यवस्था के मद्देनजर सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद किया गया है हर गेट पर सुरक्षाकर्मी हर आने जाने वाले पर कड़ी नजर रख रहे हैं वही पूरे परिसर की तलाशी ली गई है बता दिए फैसला 15 अप्रैल को आने वाला था लेकिन जज साहब की छुट्टी की वजह से तारीख को 29 अप्रैल कर दिया गया था। 

      (फाइल फोटो मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी)

अपराध की दुनिया के बेताज बादशाह कहे जाने वाले अंसारी बंधुओं ने 2005 में गाजीपुर के मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के बसनिया चट्टी गांव के करीब तत्कालीन बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय समेत सात लोगों की गाड़ी के अंदर ही ताबड़तोड़ 500 राउंड गोलियों से छलनी करके निर्मम हत्या कर दी गई थी। इसी मामले में अफजाल अंसारी और मुख्तार अंसारी पर 2007 में गैंगस्टर एक्ट के तहत (क्राइम नंबर 1051 और 1052) दर्ज हुआ था। जिसके बाद गाजीपुर के बसपा सांसद अफजाल अंसारी जमानत पर हैं जबकी पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी इस समय बांदा की जेल में बंद है जिन्हें मामले में दोषी करार देते हुए 10 साल की सजा के अतिरिक्त पांच लाख का जुर्माना लगाया गया है।

90 के दशक में पूर्वांचल के गाजीपुर आजमगढ़ समेत आसपास के जनपदों में अंसारी बंधुओं की तूती बोलती थी। आज भी पूर्वांचल में अंसारी बंधुओं का असर देखा जा सकता है। वर्ष 2019 में अफजल अंसारी और मुख्तार अंसारी बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय हत्या कांड के मामले में गवाहों के मुकर जाने की वजह से बरी हो चुके थे। जबकि मुख्तार अंसारी नंदकिशोर रुंगटा हत्याकांड में गवाहों के मुकरने की वजह से 2001 में बरी हुआ था। 

क्या है पूरा मामला

गाजीपुर की मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर 1985 से वर्ष 2002 तक अंसारी बंधुओं का दबदबा था लेकिन उनके दबदबे को चुनौती देते हुए 2002 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय ने अंसारी बंधुओं के विजय रथ को रोक कर सीट पर 8000 मतों से जीत दर्ज की। यही से बीजेपी नेता कृष्णानंद राय और मुख्तार अंसारी परिवार के बीच दुश्मनी की न्यू पड़ती है चुनाव जीतने के करीब 3 साल बाद 29 नवंबर 2005 एक क्रिकेट टूर्नामेंट के उद्घाटन के बाद बिना बुलेटप्रूफ गाड़ी के वापस लौट रहे बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय को भावंरकोल  बसनिया चट्टी पुलिया के पास उनकी गाड़ी के सामने एक कारा कर खड़ी हो जाती है बीजेपी विधायक और उनके 7 साथी जब तक पूरे मामले को समझ पाते तब तक उन पर चारों तरफ से घेर कर ताबड़तोड़ 500 राउंड एके-47 से फायरिंग की गई इस फायरिंग के बाद गोलियों से छलनी 7 लाशें मिली। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी विधायक के शरीर में कुल 67 गोली मिली थी। इस कांड के बाद पूरा पूर्वांचल भीषण आगजनी और दंगे की चपेट में आ गया बीजेपी विधायक की दिनदहाड़े हत्या के बाद पूरे पूर्वांचल में आगजनी शुरू हो गई थी।  पूरे मामले में 2007 मैं गैंगस्टर एक्ट के तहत अफजल अंसारी उनके भाई मुख्तार अंसारी और बहनोई एजाजुल हक पर गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज हुआ था। मामले में साल 2012 गाजीपुर की एमपी एमएलए कोर्ट में ट्रायल शुरू हुआ 1 अप्रैल को इस मामले की अंतिम बहस पूरी हुई थी इसके बाद जज ने फैसले को सुरक्षित रखते हुए 15 अप्रैल 2023 की तारीख फैसला सुनाने के लिए निश्चित की थी। इस दरमियान जज की छुट्टी की वजह से फैसला टल गया और आज 29 अप्रैल 2023 को गैंगस्टर एक्ट में मुख्तार अंसारी को 10 साल की सजा और 500000 का जुर्माना लगाया है। 

विशाल गुप्ता की रिपोर्ट

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