खाटू श्याम की कहानी और खाटू श्याम कुंड के दुर्लभ रहस्य
बाबा खाटू श्याम का संबंध महाभारत काल से माना जाता है। यह पांडुपुत्र भीम के पौत्र थे। पौराणिक कथा के अनुसार, खाटू श्याम की अपार शक्ति और क्षमता से प्रभावित होकर श्रीकृष्ण ने इन्हें कलियुग में अपने नाम से पूजे जाने का वरदान दिया था। वनवास के दौरान जब पांडव अपनी जान बचाते हुए भटक रहे थे, तब भीम का सामना हिडिम्बा से हुआ
श्री कृष्ण ने बर्बरीक का शीश क्यों मांगा?
बर्बरीक ने उनके दिव्य स्वरुप के दर्शन की इच्छा जताई जो श्री कृष्ण ने पूरी की। उसने सम्पूर्ण युद्ध देखने की इच्छा व्यक्त की। कृष्ण जी ने यह मांग भी स्वीकार कर ली। फाल्गुन शुल्का एकादशी की पूरी रात्रि को बर्बरीक ने भगवान कृष्ण जी का ध्यान किया और द्वादसी को उन्हें अपने शीश का दान कर दिया।
बर्बरीक किसका अवतार है?
बर्बरीक को उसकी मां से सिखाया था कि हमेशा लड़ाई में उसे कमजोर पक्ष का साथ देना है। इसलिए वह युद्ध में हमेशा उस पक्ष की ओर से लड़ते थे जो हार रहा होता था। बर्बरीक को उसकी मां ने ही युद्ध कौशल सिखाया था। उसे शिव का अवतार माना जाता है
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